मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मुखमंडल की उत्फल्लता अब मद्धिम पड़ गई प्रतीत होती है। उनकी सभाओं में अब पहले जैसी भीड़ नहीं उमड़ती। उन्हें जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस में नवजीवन का संचार किया है। आए दिन भाजपा के नेता अपने पितृदल को छोड़कर कांग्रेस का रुख कर रहे हैं। चार साल की अवधि में कांग्रेस छोड़कर जो भाजपा में चले आए वे अब परेशान नजर आ रहे हैं।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री की मध्यप्रदेश यात्रा की एक तस्वीर को लेकर काफी चर्चा हुई। शिवराज सिंह लंबी सी मुस्कान खींचकर नरेन्द्र मोदी को फूल भेंट कर रहे हैं और मोदीजी प्रत्युत्तर में श्री चौहान को आंखें तरेर कर देख रहे हैं।
लगातार यात्राएं करते-करते प्रधानमंत्रीजी भी शायद थक जाते हैं। यह शायद ऐसा ही अवसर रहा हो!
(देशबन्धु में 27 सितम्बर 2018 को प्रकाशित)
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