वोट के लिए किसी भी हद तक जा सकता है कोई: राज्यपाल

जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा अभियान के विरोध में बोलना राजनेताओं की राजनीतिक मजबूरी होती है;

Update: 2019-01-14 18:57 GMT

जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा अभियान के विरोध में बोलना राजनेताओं की राजनीतिक मजबूरी होती है।

यहां एक कार्यक्रम से इतर कुछ राजनेताओं द्वारा आतंकवादियों की हत्या की जांच की मांग से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए मलिक ने कहा, "जब एक आतंकवादी गोलीबारी शुरू करता है या कोई विस्फोट फेंकता है तो हम उसे फूल या गुलदस्ता नहीं देंगे।"

उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से हमने कोई 'ऑपरेशन ऑल आउट' नहीं चलाया है। आतंकियों को यह रास्ता छोड़ देना चाहिए, क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। 'ऑपरेशन ऑल ऑउट' जैसा यहां कुछ नहीं है।"

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान पर एक अन्य सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा, "वह एक वरिष्ठ राजनेता हैं, इसलिए उन पर टिप्पणी करना सही नहीं है। मुख्यधारा के राजनेताओं की राजनीतिक मजबूरी होती है और हमारे देश में वोट के लिए कोई किसी भी हद तक जा सकता है।"

मलिक ने कहा, "वे सभी राजनीतिक लोग हैं और उनकी राजनीतिक मजबूरियां होती हैं। इस देश में लोग वोट के लिए किसी हद तक जा सकते हैं। मैं हर किसी की मजबूरी को समझता हूं और उनका सम्मान करता हूं।"

फारूक ने अपने बयान में कहा था कि अगर नेशनल कांफ्रेंस को सत्ता में लाने के लिए वोट करते हैं तो आतंकवादियों के खिलाफ 'ऑपरेशन ऑल आउट' रोक दिया जाएगा।

विधानसभा चुनाव कराने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि उनका प्रशासन लोकतांत्रिक कवायद के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, "हम चुनाव के लिए तैयार हैं। निर्वाचन आयोग जब भी फैसला लेता है, हम चुनाव कराएंगे।"

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