अमेरिकी कंपनी भारतीय रक्षा गलियारों में निवेश करें अमेरिकी कंपनी: सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी कंपनियों से भारत में बनाये जा रहे दो रक्षा विनिर्माण गलियारों में निवेश करने का आह्वान किया है;

Update: 2018-09-06 13:51 GMT

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी कंपनियों से भारत में बनाये जा रहे दो रक्षा विनिर्माण गलियारों में निवेश करने का आह्वान किया है।

Smt @nsitharaman in 1+1 meeting with US Secretary of Defense #SecDef James Mattis, prior to the 2+2 Dialogue pic.twitter.com/I793dxdMtU

— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) September 6, 2018


 

भारत और अमेरिका के रक्षा तथा विदेश मंत्रियों के बीच आज यहां टू प्लस टू वार्ता हुई। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में श्रीमती सीतारमण ने अपनी आरंभिक टिप्पणी में कहा कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण आयाम है। यह हमारे बीच रणनीतिक भागीदारी को गति देने वाला है। 

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को अपना प्रमुख रक्षा साझीदार बनाया है और हाल ही में उसने भारत को एसटीए -1 का दर्जा भी दिया है जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग के क्षेत्र में भी सहयोग बढेगा। मोदी सरकार ने देश में रक्षा उत्पादन को बढावा देने के लिए कई बडे सुधार किये हैं तथा दो रक्षा विनिर्माण गलियारे भी बनाये जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा,“ मैं अमेरिकी कंपनियों को इनमें सक्रिय साझीदार बनने का आमंत्रण देती हूं। हमने रक्षा क्षेत्र में नवोन्वेषण में सहयोग पर जोर दिया है और हमारी रक्षा नवोन्वेषण एजेन्सियों के बीच सहमति पत्र इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ से झांसी तक तथा तमिलनाडु में चेन्नई के आसपास रक्षा विनिर्माण गलियारे बनाये जा रहे हैं जिनमें निजी क्षेत्र की कंपनियों को रक्षा उपकरण एवं अन्य सामग्रियों के विनिर्माण के लिए निवेश के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विदेशी कंपनियों को भी आकर्षक शर्तों पर निवेश की पेशकश की गयी है। केन्द्र सरकार पहले ही रक्षा क्षेत्र में शत प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दे चुकी है।

सीतारमण ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग हमारी बढती भागीदारी की परिपक्वता को बताता है। यह दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और हितों का भी साक्षी है। रक्षा बलों और सुरक्षा तंत्र के बीच निकटता तथा संपर्क बढने से भी दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास और भरोसा बढ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाएं अभी अमेरिकी सेनाओं के साथ सबसे अधिक प्रशिक्षण और अभ्यास कार्यक्रमाें में हिस्सा ले रही हैं। इसलिए हम मिलकर रक्षा क्षमता को बढाने की दिशा में काम कर रहे हैं। 

इससे पहले सीतारमण ने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ रक्षा मुद्दों पर द्विपक्षीय बैठक भी की। 

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