राजदूतों के हुए तबादले, संधू को वॉशिंगटन व रवीश को भेजा ऑस्ट्रिया

विदेश मंत्रालय ने राजदूतों की तैनाती में बड़ा फेरबदल करते हुए तरनजीत सिंह संधू को वॉशिंगटन डीसी, जावेद अशरफ को फ्रांस और रवीश कुमार को ऑस्ट्रिया भेज रहा है;

Update: 2020-01-15 21:52 GMT

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने राजदूतों की तैनाती में बड़ा फेरबदल करते हुए तरनजीत सिंह संधू को वॉशिंगटन डीसी, जावेद अशरफ को फ्रांस और रवीश कुमार को ऑस्ट्रिया भेज रहा है।

संधू वर्तमान में श्रीलंका जबकि अशरफ सिंगापुर के उच्चायुक्त हैं। वहीं रवीश कुमार नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हैं।

यह तबादले ऐसे समय में हुए हैं, जब भारत मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लिए गए कई बड़े फैसलों के कारण अंतर्राष्ट्रीय समाचारों में बना हुआ है।

केंद्र सरकार को जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 को निरस्त कर राज्य के पुनर्गठन, कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध और राजनेताओं की नजरबंदी के मुद्दे पर पश्चिमी मीडिया से नाराजगी झेलनी पड़ी है।

भाजपा सरकार को फिलहाल नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर देशभर में व्यापक विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें पड़ोसी देशों बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

पश्चिम में अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के बीच भारत की आर्थिक मंदी भी एक प्रमुख चिंता का विषय है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि संधू हर्ष वर्धन श्रृंगला की जगह अमेरिकी राजदूत के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे, जो अभी नई दिल्ली लौटे हैं। श्रृंगला विजय गोखले की जगह विदेश सचिव का पदभार ग्रहण करेंगे, जो इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

संधू इससे पहले वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में उप प्रमुख के रूप में कार्य कर चुके हैं। सरकार संधू की जगह लेने के लिए गोपाल बागले को कोलंबो भेजेगी, जोकि वर्तमान में नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि अशरफ राजदूत विनय क्वात्रा की जगह लेंगे, जिन्हें नेपाल स्थानांतरित किया जा रहा है। क्वात्रा मनोज सिंह पुरी की जगह पदभार संभालेंगे, जो अभी सेवानिवृत्त हुए हैं।

राजनयिक के तौर पर अशरफ ने स्मार्ट शहरों और कौशल विकास जैसी प्रमुख विकास परियोजनाओं के लिए सिंगापुर के साथ भारत की मजबूत साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह इससे पहले अमेरिका, जर्मनी और नेपाल में सेवा दे चुके हैं।

इसके साथ ही रवीश कुमार, जो सबसे कम उम्र के और मंत्रालय के सबसे प्रभावी और लोकप्रिय प्रवक्ताओं में से एक रहे हैं, रेनू पाल की जगह पदभार संभालेंगे, जो हाल ही में नई दिल्ली लौटी हैं। वियना में वित्तीय अनियमितताओं और कुप्रबंधन के आरोपों के चलते पाल को स्थानांतरित कर दिया गया था।

Full View

Tags:    

Similar News