दस हजार करोड़ का निवेश होता तो सबको दिखायी देगा: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लोगों को जमीनी मुद्दों से गुमराह करने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार बजट को लेकर सिर्फ आंकड़ों से खेल रहीं है;
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर लोगों को जमीनी मुद्दों से गुमराह करने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार बजट को लेकर सिर्फ आंकड़ों से खेल रहीं है। दस हजार करोड़ का निवेश अगर होता तो सभी को दिखायी देगा।
यादव ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अभी संविधान की मूलभावना को ही समझना है। भाजपा लगातार लोकतंत्र, समाजवाद और सेक्यूलरिज्म पर हमला करके इसे बर्बाद कर रही है। हम चाहते हैं कि मुख्य मुद्दों पर चर्चा हो पर भाजपा असल मुद्दों से भटकाना चाहती हैं। वह लोगों को गुमराह करती रहती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा डॉ राम मनोहर लोहिया को पढ़ने की सीख देने पर श्री यादव ने कहा “ बहस इस पर नहीं है कि किसी विचारधारा को जानता हॅू या नहीं जानता हूूं। नेता सदन समाजवादी पेंशन को समाजवादी पार्टी की पेंशन समझ रहे थे। ”
ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी पर उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट अगर होता तो सभी को दिखाई देगा। सरकार बजट को लेकर सिर्फ आंकड़ों से खेल रही है। भाजपा सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी से कम इन्वेस्टमेंट आया है। जमीन पर कुछ उतरे तब विकास माना जाएगा। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में पेपर आउट होना और आरक्षण से खिलवाड़ होना, संस्थानों में गलत लोगों को बिठा देना यही काम हो रहा है। एकेटीयू और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी नियुक्तियां गलत तरीके से की गई हैं। हम चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो। प्रदेश में भाजपा सरकार जनित महंगाई ने आम जनता के जीवनयापन में चुनौती खड़ी कर दी है। थाली से लेकर रोजी-रोजगार, काम-कारोबार, परिवहन, दवाई-पढ़ाई सब कुछ महंगाई से बुरी तरह प्रभावित है। भाजपा राज में डीजल-पेट्रोल, रसोईगैस सभी के दाम बढ़ने से घरेलू अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है। मध्यमवर्ग इसका बुरी तरह शिकार हुआ है। किसान को खाद, बिजली, कीटनाशक, बीज सभी कुछ महंगे दामों पर मिल रहा है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार की चालाकी यह है कि जो काम पहले हो गए या होने वाले हैं सबको अपनी उपलब्धि सूची में डाल लेती हैं। शिलान्यास को ही वे कार्य पूरा होना मान लेते हैं। दूसरों के काम पर अपना ठप्पा लगाना और नाम बदलना भाजपा सरकार का बाएं हाथ का खेल है। ऐसी गैरजिम्मेदार सरकार पहली बार देखने को मिली है।