लोकसभा में अन्ना द्रमुक नहीं करेगी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने तेलुगू देशम पार्टी की ओर से लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने का निर्णय लिया है;

Update: 2018-07-19 18:08 GMT

चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने तेलुगू देशम पार्टी की ओर से लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने का निर्णय लिया है। 

मुख्यमंत्री एवं अन्ना द्रमुक के संयुक्त समन्वयक ई के पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी। लोकसभा में पार्टी के 37 सांसद हैं।

उन्होेंने कहा कि तेदेपा आंध्र प्रदेश के मसले को लेकर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाली है। अन्ना द्रमुक इस प्रस्ताव को समर्थन नहीं देगी क्योंकि पार्टी के सांसदाें ने जब तमिलनाडु के मसले को लेकर 22 दिन तक सदन की कार्यवाही बाधित की थी तो किसी भी अन्य दल ने उनका समर्थन नहीं किया था। 

विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने इस प्रस्ताव को नैतिक समर्थन देने का निर्णय लिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि लोकसभा में उनका एक भी सांसद नहीं है लिहाजा उनके पास वोट देने का अधिकार नहीं है लेकिन उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को नैतिक समर्थन देने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि अन्ना द्रमुक भी इस प्रस्ताव का समर्थन करे क्योंकि केंद्र ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) समेत कई मसलों पर राज्य के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार ने अपने चार वर्ष के शासन में झूठे वादे कर लोगों को ठगा है और देश के बहुलवादी सिद्धांतों काे नष्ट किया है। 

गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव को बुधवार को लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया। इस पर चर्चा और मतदान शुक्रवार को होगा।

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