आदिवासियों ने कर्नाटक में मांगों को लेकर घोषणापत्र जारी किया

कर्नाटक में अगले माह होने वाले विधानसभा चुनावाें के लिए सभी राजनीतिक दल लोगों को ध्यान में रखकर घोषणापत्र तैयार कर रहे हैं;

Update: 2018-04-15 15:58 GMT

मैसुरु। कर्नाटक में अगले माह होने वाले विधानसभा चुनावाें के लिए सभी राजनीतिक दल लोगों को ध्यान में रखकर घोषणापत्र तैयार कर रहे हैं जिन्हें चुनावाें के नतीजे आने के बाद अक्सर भुला ही दिया जाता है लेकिन हुन्सुर के कुछ आदिवासी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में एक घोषणा पत्र जारी किया है।

हुन्सुर विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी कार्यकर्ताओं की मांग संबंधी सूची को 'लोगों का घोषणापत्र' नाम दिया गया है जिसमें यहां के आदिवासी मतदाओं की मौजूदगी और उनके महत्व के बारे में बताते हुए कहा गया है कि इनमें अधिकांश मतदाता विकास के लाभ से वंचित हैं। 

मांग पत्र में हुन्सुर उप मंडल को जिला बनाने की मांग की गयी है ताकि क्षेत्र में विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा सके।  आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करनेवाली एक गैर सरकारी संस्था(एनजीओ) डेवलमेंट थ्रू एजुकेशन(डीइइडी) के एस श्रीकंठ ने यूनीवार्ता से कहा कि 'लोगों का घोषणापत्र' में पर्यावरण संरक्षण और विकास की जरूरतों को शामिल किया गया है। 

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असंतुलित और 'पारिस्थितिकी के विनाशकारी' कार्यक्रमों से आदिवासी समुदाय सबसे अधिक प्रभावित हुआ है लिहाजा मांग पत्र में पारिस्थितिकी के नजरिए से विकास की जरूरतों पर जोर दिया गया है।

'लोगों का मांगपत्र' में हालांकि आदिवासी समुदाय के मुद्दों को विशेष रूप से उठाया गया है लेकिन हुन्सुर शहर की जरूरतों पर भी गौर किया गया है। हुन्सुर के लोगों के लिए लाइफलाइन मानी जाने वाली प्रदूषित लक्ष्मणतीर्थ नदी की सफाई को इसमे प्रमुख स्थान दिया गया है। 

डीइइडी भी चाहती है कि नदी के किनारे व्यापक पौधारोपण कार्यक्रम चलाया जाए तथा पानी के अवरोध को लेकर बांध बने और कृषि गतिविधियों को पूरा करने के लिए वर्षा जलसंचयन प्रणाली को पूरा किया जाए। संस्था ने इलाके में 40 जल निकायों के जीर्णोद्धार की भी मांग की है। 

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