आप विधायकों ने राजनिवास में किया कब्जा

सौरभ भारद्वाज ने पूर्व में समय लेकर चार विधायकों के साथ मोहल्ला क्लिनिक से जुड़े मामले में बातचीत के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल से समय लिया और मुलाकात के समय करीबन 45 विधायक पहुंच गए;

Update: 2017-08-31 14:27 GMT

नई दिल्ली।  दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय में बुधवार को तब अजीबोगरीब परिस्थितियां बन गईं जब ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज ने पूर्व में समय लेकर चार विधायकों के साथ मोहल्ला क्लिनिक से जुड़े मामले में बातचीत के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल से समय लिया और मुलाकात के समय करीबन 45 विधायक पहुंच गए और फिर उन्होने राजनिवास पर कब्जा जमा लिया। देर रात को विधायक राजनिवास से निकल गए। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा, उनकी ओर से उप राज्यासभा के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया गया।

विधायकों से उपराज्यपाल ने मुलाकात की और बताया कि मोहल्ला क्लीनिक की फाईल की शिकायतों को देखते हुए जुलाई में ही मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है। लेकिन विधायकों ने देर रात तक उनके कार्यालय में कब्जा जमाए रखा। राजनिवास से जारी बयान में बताया कि सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में 45 विधायकों का दल राजनिवास के सामने एकत्रित हो गया और उपराज्यपाल से मिलने की मांग करने लगा। उपराज्यपाल ने तीन बजे पूर्व निधारित न्यायालय की सुनवाई के बावजूद भी सभी प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

पहले तो विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों में मोहल्ला क्लिनिक न बनने पर चिंता जताई व उपराज्यपाल ने विधायकों को ध्यान से सुना और फिर मौजूदा हालातों से अवगत कराया। राजनिवास ने कहा कि दुर्भाग्यवश विधायकों का रवैया बेहद अशिष्ट एवं असंतोषपूर्ण हो गया। उपराज्यपाल द्वारा सभी विधायकों को पूरा ब्यौरा दिए जाने के बाद बार-बार यह बताए जाने के बावजूद कि प्रस्ताव मुख्यमंत्री को उसमें निहित शिकायतों को देखने के लिए 5 जुलाई, 2017 को भेज दिया गया है, विधायकों ने तथ्यों एवं तर्कों में बिना दिलचस्पी लिए अशिष्ट व्यवहार जारी रखा।
एक संवैधानिक पदाधिकारी के कार्यालय में दबाव बनाकर मामले को निपटाना कानून के मुताबिक उचित तरीका नहीं है। मुख्यमंत्री ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और आज पांच बजे प्रस्तावित अपनी साप्ताहिक बैठक में भी नहीं आए। 

राजनिवास ने बताया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कार्यभार संभालने के ठीक 10 दिन के बाद ही दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल फैसले संख्या 2396, 26 जुलाई 2017 को 1000 आम आदमी मोहल्ला प्रोजैक्ट के अन्तर्गत स्कूल परिसरों में पोर्टा केबिन में क्लिनिक खोले जाने से संबंधित है को अपनी अनुमति दी थी। 

हालांकि उपराज्यपाल सचिवालय में सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर व दिसम्बर 2016 में आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने की संकलपना एवं उसके क्रियान्वयन संबंधित कई शिकायतें प्राप्त हुई थी और उसके बाद यह मामला सतर्कता विभाग की जांच के लिए भेज दिया गया। 

उपराज्यपाल कार्यालय गलत तरीके से पेश कर रहा है तथ्य 

उपराज्यपाल के कार्यालय में विधायकों द्वारा कब्जा जमाने की खबरों के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाने की मंजूरी संबंधी फाईल को उपराज्यपाल को भेजा था और उन्होंने फाइल को सतर्कता विभाग में भेज दिया। सतर्कता विभाग ने इसे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के प्रभारी मंत्री को इसे साझा करने से इनकार कर दिया। आज, मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से टेलीफोन पर अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे पर चर्चा कर इसे सुलझाने के लिए मंत्रियों के साथ राजनिवास आने के लिए तैयार हैं, इस पर उपराज्यपाल ने मना कर दिया।  सतर्कता विभाग द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा दायर की गई शिकायतों पर मामला बनाया है जबकि उनकी आपत्तियां स्पष्ट  नहीं हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा कि यह दुखद है कि फाईल के बावजूद उपराज्यपाल सचिवालय से यह निर्देश दिए गए कि मंत्री को इसे न दिखाया जाए और अब कहा जा रहा है कि फाइल सरकार के पास लंबित है। मोहल्ला क्लिनिक को दुनिया भर में प्रशंसा मिली है इसलिए सरकार अपील करती है कि दिल्ली की बेहतरी के लिए राजनीति न करें। इस बयाान में कहा कि यह मौसम दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों का होता है और पिछले दो वर्ष में मोहल्ला क्लिनिक ने इस मौसम में बुखार क्लीनिक के रूप में प्रभावी काम किया है। वहीं देर शाम उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय तथ्यों का गलत तरीके से पेश कर रहा है कि मुख्यमंत्री उपराज्यपाल से मिलने नहीं आए। जबकि  मुख्यमंत्री ने मोहल्ला क्लीनिक के हित में किसी भी समय आने की पेशकश की। 

वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि मैंने फोन पर उपराज्यपाल से पेशकश की है कि मैं अधिकारियों और मंत्रियों के साथ आ सकता हूं। पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों को लेकर आप विधायकों का राजनिवास पर उग्र धरना, प्रदर्शन नौटंकी मात्र है, भाजपा ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है और हम मिलकर केजरीवाल सरकार की शिकायत करेंगे। सरकार ने जुलाई में निर्माण कम्पनी को काम रोकने के आदेश दिए थे और अब घढ़ियाली आसंू बहाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। 

मोहल्ला क्लीनिक से जुड़ी शिकायतें

>>> मोहल्ला क्लिनिक के लिए परिसर का चयन करने के लिए कोई पारदर्शी तरीका नहीं है। 
>>> परिसर का किराया बाजार के किराए से अधिक है। 
>>> पार्टी कार्यकर्ताओं के परिसर किराए पर लिए गए हैं। 
>>> क्लीनिक का स्थान एवं मौजूदा डिस्पेंसरी का कोई समन्वय नहीं है। 
>>> क्लीनिक चलाने के लिए चार घंटे पर्याप्त नहीं हैं। 
>>> मरीजों का कोई उचित लेखा जोखा नहीं होना जिससे कि चिकित्सकों का भुगतान का निर्णय किया जा सके।
 

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