देश में आज से आएगा बड़ा बदलाव, लागू होंगे तीन नए कानून

देश के आपराधिक कानून में पहली बार व्यापक परिवर्तन किए गए हैं। एक जुलाई 2024 को पूरे देश में नया आपराधिक कानून लागू होने वाला है;

Update: 2024-07-01 09:23 GMT

नई दिल्ली। देश के आपराधिक कानून में पहली बार व्यापक परिवर्तन किए गए हैं। एक जुलाई 2024 को पूरे देश में नया आपराधिक कानून लागू होने वाला है। नए आपराधिक कानून की जानकारी पुलिस महकमे, सरकारी वकीलों तथा न्यायिक अधिकारियों को देने के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिनों में काफी प्रयास किए हैं। सरकार का दावा है कि अंग्रेजों के जमाने के कानून को भारतीय स्वरूप दिया गया है।

फिलहाल नए आपराधिक कानून के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि अपराधों की परिभाषा, सजा की मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। अलबत्ता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता में व्यापक परिवर्तन किए गए हैं।

खासतौर पर न्यायिक हिरासत की अवधि और इलेक्ट्रानिक सबूतों को लेकर। पुराने कानून की धाराओं के क्रम बदल दिए गए हैं। भारत में भारतीय दंड संहिता मुख्य आपराधिक कानून है। इसके अलावा इसमें भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता भी शामिल होकर मुकम्मल आपराधिक कानून बनाते हैं। आईपीसी की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी।

आईपीसी में 511 धाराएं थी। इस तरह से काफी धाराएं घटा दी गई हैं। जबकि सीआरपीसी की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संरक्षण संहिता में 531 धाराएं होंगी। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। इस तरह से इसकी धाराओं की संख्या में खासी बढ़ोतरी देखी गई है। इसी तरह से ईवीडेंस एक्ट की जगह लेने वाले भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 170 धाराएं होंगी। ईवीडेंस एक्ट में 167 धाराएं थीं। इस तरह से सबूत के कानून में 3 धाराएं बढ़ाई गई हैं।

अब हत्या की सजा धारा 101 में सुनाई जाएगी नए आपराधिक कानून में अपराध की धाराओं की संख्या बदल दी गई है। अब हत्या की सजा धारा 101 के तहत सुनाई जाएगी। अब धारा 302 में चेन स्नैचिंग य छीना-झपटी की सजा मिलेगी। 376 को आम जन बलात्कार या रेप की धारा के तौर पर जानते थे, लेकिन अब बलात्कार की धाराएं 63, 64 और 70 (गैंगरेप) होंगी।

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