दिल्ली के 58 फीसदी लोग 'विकास' को मान रहे मुख्य चुनावी मुद्दा

राष्ट्रीय राजधानी में आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मतदाताओं का मानना है कि इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा विकास और आर्थिक स्थिति का होना वाला है;

Update: 2020-01-14 21:59 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मतदाताओं का मानना है कि इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा विकास और आर्थिक स्थिति का होना वाला है। यह बात आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण में सामने आई है। सर्वेक्षण में शामिल 58.1 फीसदी लोगों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा विकास को लेकर होगा।

सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आया कि 28 फीसदी लोगों ने उन आर्थिक मुद्दों को तवज्जो दी, जिनका सामना देश वर्तमान में कर रहा है। वहीं 8.1 फीसदी लोगों ने सुरक्षा मुद्दों और 5.8 फीसदी लोगों ने अन्य मुद्दों के लिए अपनी सहमति जताई।

सर्वेक्षण में एक और सवाल पूछा गया कि विकास और अन्य मुद्दों के लिए कौन जिम्मेदार हैं? इस पर 16.1 फीसदी लोगों ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। वहीं 11.9 फीसदी लोगों ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया।

इसके अलावा कुल 10 फीसदी लोगों का मानना है कि विकास और अन्य मुद्दों के लिए स्थानीय विधायक ही जिम्मेदार हैं, जबकि 7.8 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

इस बीच महज 3.9 फीसदी लोगों ने विकास और अन्य मुद्दों के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया, जबकि केवल 0.6 फीसदी लोगों ने इसके लिए स्थानीय सांसद को जिम्मेदार ठहराया।

दिल्ली के शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए सर्वेक्षण के लिए कुल 2,326 लोगों से बातचीत की गई।

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