फर्जी तबादला आदेश बनाने वाले बर्खास्त सुपरवाइजर को 3 वर्ष की कैद
गबन के मामले में निलंबित और फिर बर्खास्त की गई महिला बाल विकास की एक सुपरवाईजर ने विभागीय आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से तबादला आदेश पेश करते हुए कोरबा में नौकरी की कोशिश की;
कोरबा। गबन के मामले में निलंबित और फिर बर्खास्त की गई महिला बाल विकास की एक सुपरवाईजर ने विभागीय आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से तबादला आदेश पेश करते हुए कोरबा में नौकरी की कोशिश की। कूट रचना पकड़े जाने के बाद उस पर अपराध दर्ज किया गया। विचाराधीन प्रकरण में 15 साल बाद फैसला आया और आरोपी को तीन वर्ष की कैद एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है।
न्यायालीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मूलत: रायगढ़ जिले के लैलूंगा हायर सेकेण्डरी स्कूल के पास की निवासी एवं हाल मुकाम मानिकपुर टाईप 11/177 में निवासरत कमला कुर्रे पति सेतराम तांडे उर्फ दिनेश 40 वर्ष ने वर्ष 2002 में यह कूट रचना की थी। बताया गया कि वर्ष 1987 से 1992 के मध्य कमला कुर्रे महिला एवं बाल विकास विभाग के कोरबा शहरी परियोजना में बतौर सुपरवाईजर पदस्थ रही।
इसके बाद उसका तबादला रायगढ़ जिले के तमनार हो गया। गबन के मामले में निलंबन उपरांत बिलाईगढ़ तबादला कर दिया गया। उस पर गबन के मामले में एफआईआर दर्ज कर विभागीय जांच की जा रही थी कि इस बीच विभाग के द्वारा 13 मई 2002 को आदेश जारी कर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस बर्खास्तगी के बाद कमला कुर्रे ने कूट रचना को अंजाम दिया। वह 29 अगस्त 2002 को कोरबा के महिला बाल विकास जिला कार्यालय पहुंची और महिला बाल विकास, रायपुर के आयुक्त का हस्ताक्षरित एवं कार्यालयीन पत्र आदेश क्रमांक 1442 दिनांक 23.8.2002 को दिखाते हुए बताया कि उसका तबादला कोरबा कर दिया गया है।
विभागीय आयुक्त द्वारा हस्ताक्षरित उक्त तबादला आदेश की सत्यता की पुष्टि के लिए जिला अधिकारी ने फैक्स कर जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि ऐसा कोई तबादला आदेश कमला कुर्रे के लिए जारी नहीं किया गया है और वह सेवा से बर्खास्त है। इसके उपरांत स्थानीय अधिकारी ने कमला कुर्रे के विरूद्ध 30 अगस्त को रामपुर पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज करायी। धारा 420,468,471 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर पुलिस ने प्रकरण न्यायालय में पेश किया।
उसके पास से बड़े पैमाने पर फर्जी सील व अन्य तरह के दस्तावेज भी मिले थे। 15 वर्षो से विचाराधीन मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने धोखाधड़ी, कूटरचना का दोष सिद्ध पाये जाने पर कमला कुर्रे को सभी धाराओं में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रुपए की अर्थदंड की सजा सुनायी है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी व अर्थदंड का भुगतान न करने पर अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।