टिड्डी नियंत्रण के लिए मंगवाए जा रहे 10 माइक्रोनेयर स्प्रेयर : तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तोमर ने कहा कि राजस्थान में फसलों पर टिड्डियों के हमले से उत्पन्न स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 10 माइक्रोनेयर स्प्रेयर खरीदने का फैसला किया है;

Update: 2020-01-10 03:51 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में फसलों पर टिड्डियों के हमले से उत्पन्न स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 10 माइक्रोनेयर स्प्रेयर खरीदने का फैसला किया है और अंतरराष्ट्रीय कंपनी माइक्रोन को माइक्रोनेयर स्प्रेयर मुहैया करवाने का ऑर्डर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये मशीनें जल्द भारत पहुंच जाएंगी और इनका इस्तेमाल किए जाने से टिड्डी नियंत्रण कार्य को गति मिलेगी।

तोमर ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार के वनस्पति संरक्षण सलाहकार ने आठ मई, 2019 को राजस्थान, पंजाब, गुजरात और हरियाणा राज्यों के कृषि निदेशकों को टिड्डी निगरानी /सर्वेक्षण व टिड्डी चेतावनी संगठन के कार्यालयों से सामंजस्य बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी थी।

मई के दूसरे और तीसरे सप्ताह के दौरान राजस्थान व गुजरात के राज्य विस्तार अधिकारियों के लिए टिड्डी नियंत्रण कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम और मॉक ड्रिल का संचालन किया गया था ताकि टिड्डी आक्रमण होने पर राज्य सरकार के कर्मचारियों से भी सहयोग मिल सके।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने टिड्डी नियंत्रण के लिए टिड्डी नियंत्रण संगठन के कर्मचारियों के अतिरक्त केंद्र सरकार के अधिकारियों को भी प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया और नियंत्रण कार्यक्रम में केंद्र सरकार के 146 कर्मी व 30 वाहन लगाए गए।

तोमर ने कहा कि पाकिस्तान सीमा से लगे क्षेत्रों में जहां टिड्डियों का प्रकोप ज्यादा रहा वहां बोर्ड के नजदीक अस्थाई कैंप बनाकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तैनात किया गया। भारत सरकार द्वारा 45 वाहन युक्त माइक्रोनेयर/ अल्वा मास्ट पावर स्प्रेयर के अतिरक्त टिड्डी के कम तीव्रता वाले स्थानों पर 35-40 हस्त संचालित स्प्रेयर का उपयोग किया गया।

कृषि मंत्री ने एक बयान में कहा कि टिड्डी नियंत्रण में अब तक 2,56,793 लीटर मेलाथियान 96 फीसदी यूएलवी कीटनाशक का उपयोग किया गया है जिसका मूल्य 11.36 करोड़ रुपया है।

उन्होंने बताया कि टिड्डी का आक्रमण बीते साल 22 मई से ही शुरू हुआ और तब से लेकर सात जनवरी 2020 तक 3,45,635 हेक्टेयर क्षेत्र मे टिड्डी का नियंत्रण किया गया है।

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