निजी स्कूल कर रहे नौनिहालों के जीवन से खिलवाड़

प्रशासन के आदेश व नियमों को ताक पर रख निजी स्कूल संचालक बच्चों के जीवन एवं भविष्य से खुलकर खिलवाड़ कर रहे हैं;

Update: 2017-08-08 13:50 GMT

ग्रेटर नोएडा।  प्रशासन के आदेश व नियमों को ताक पर रख निजी स्कूल संचालक बच्चों के जीवन एवं भविष्य से खुलकर खिलवाड़ कर रहे हैं।

प्रवेश सत्र के दौरान अभिवावकों को गुमराह कर स्कूल को बोर्ड से मान्यता होने, अच्छी शिक्षा देने व बेहतर ट्रांसपोर्ट आदि सुविधा मुहैया करने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। जबकि हकीकत बिल्कुल इसके विपरीत दिखाई पडती है।

कोई घटना होने के बाद प्रशासन चंद दिनों के लिए नींद से जागता है और स्कूल वाहनों के खिलाफ जांच अभियान चलाने के बाद औपचारिकताएं निभा दी जाती है जिसके बाद सब कुछ पुराने ढर्रे पर चलने लगता है।

यूं तो क्षेत्र में निजी स्कूलों का अंबार लगा है लेकिन अधिकांश स्कूलों में चलने वाले वाहनों को देखें तो यह मानकों पर कहीं भी खरे नहीं उतरते। किसी के टायरों के बोल्ट टूटें तो कोई बगैर शीशों के तो किसी में लाइट तक मौजूद नहीं होती और उन्हें जमकर सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है।

जिससे कभी भी हादसे की आशंका बनी रहती है। जबकि अधिकारी भी मानते है कि स्कूलों में मानकों को दरकिनार किया जाता है लेकिन फिर भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। वहीं कई स्कूल तो ऐसे हैं जिनके पास पांचवी व आठवीं की मान्यता है लेकिन उनमें हाई स्कूल व इंटर तक की कक्षाएं संचालित की जातीं हैं।

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