अगर नैतिकता है तो इस्तीफा दें अरविंद केजरीवाल: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के बीस विधायकों को चुनाव आयोग द्वारा लाभ के पद मामले में अयोग्य घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कठघरे में खड़ा;
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के बीस विधायकों को चुनाव आयोग द्वारा लाभ के पद मामले में अयोग्य घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कठघरे में खड़ा करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।
भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग के आज के फैसले से जनता के सामने आम आदमी पार्टी सरकार की कलई खुल कर सामने आ गयी है।
कुछ वर्षों पूर्व ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ के रूप में शुरू हुई यह पार्टी अब ‘आई एम करप्शन’ पार्टी बन गयी है। उन्होंने कहा कि आप सरकार के आधे से अधिक मंत्री भ्रष्टाचार के मामलों में फँस कर सरकार से बाहर हो गए, 12 विधायकों को विभिन्न अपराधों में पुलिस ने गिरफ्तार किया और आज 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में पंगु सरकार बनी हुई है और उसकी ख्याति सर्वाधिक भ्रष्ट सरकारों में से एक की बन गयी है।
दिल्ली की जनता ने 67 सीटें जिता कर उसे सत्ता सौंपी थी लेकिन आम आदमी पार्टी संख्या के बल पर अहंकार की पराकाष्ठा से आगे निकल गयी।
From "India against Corruption" to "I am Corruption”, Aam Aadmi Party has covered the journey in a short time. Do they still have morality to stay in government in Delhi?: Sambit Patra, BJP Spokesperson on reports of disqualification of 20 MLAs of AAP by the Election Commission. pic.twitter.com/3TgqdwYUl1
डा़ पात्रा ने कहा कि मार्च 2015 में आप ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। जून 2015 में दिल्ली सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक पारित किया था कि संसदीय सचिव लाभ का पद नहीं माना जाये और इस विधेयक को पेश किये जाने की तारीख से पहले से लागू करने का प्रस्ताव किया गया था।
लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इसे स्वीकार नहीं किया और यह मामला पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और फिर चुनाव आयोग की चौखट पर पहुंचा था। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की जनता की भावनाअों को चोट पहुंचायी है।
केजरीवाल संविधान को हमेशा ताक पर रखा करते थे और कहते थे कि अराजकता उनकी पहचान है लेकिन उसी संविधान ने उन्हें आज सबक सिखाया है जिस संविधान को वह नहीं मानते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या केजरीवाल सरकार को सत्ता में बने रहने का हक है और क्या उन्हें सरकार से इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए।