योग द्वारा ह्रदय रोग से बचाव : मनचंदा
चिकित्सा विज्ञान के साथ यदि योग को दिनचर्या में शामिल किया जाए तो हृदय रोग से बचा जा सकता है

अलवर। चिकित्सा विज्ञान के साथ यदि योग को दिनचर्या में शामिल किया जाए तो हृदय रोग से बचा जा सकता है।
फिजिशियन डाक्टरों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय सेमीनार एपकॉन 2017 के प्रथम सत्र में आज यहां दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग के प्रमुख कॉर्डियोलोजिस्ट डॉ एस सी मनचंदा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हृदय रोग बदलती जीवन शैली की देन है। आज योग को भूल गए। यही कारण है कि अधिकतर लोग दिल केे रोग से परेशान है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान के साथ यदि योग को जीवनचर्या में शामिल किया जाए तो व्यक्ति अपने ह्रदय को सुरक्षित रख सकता हैं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को रोग हो जाए तो अकेले डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर सकता। उन्हें सहयोगियों की जरूरत भी होती है। चिकित्सा के साथ योग विज्ञान का होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हीलिंग के जरिये जीवनचर्या नियंत्रित हो सकती है।
इस सत्र में डाक्टरों ने विभिन्न बीमारियों एवं रोगों पर शोध पत्र पढे एवं विचार विमर्श किया गया। सेमीनार के चेयरमैन डॉ जी एस सोलंकी एवं सचिव हरीश गुप्ता ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में राज्य भर के 800 डॉक्टर भाग ले रहे हैं जिनके द्वारा विभिन्न तरह की बीमारियों के इलाज के बारे में विचार विमर्श से डॉक्टरों में बीमारियों के संबंध में ज्ञान का आदान प्रदान होगा।


