योग ही मन, बुद्धि, चित्त, आत्मा की शांति का अनुपम समाधान : देवव्रत
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कहा कि भौतिकवाद के इस विश्व में समग्र मानवजाति तनाव में है

गांधीनगर। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कहा कि भौतिकवाद के इस विश्व में समग्र मानवजाति तनाव में है। ऐसे में एकमात्र योग ही मन, बुद्धि, चित्त और आत्मा की शांति का अनुपम समाधान है।
श्री देवव्रत ने कहा कि वह नियमित तौर पर योग और प्राणायाम करते हैं और संयमित आहार और नियमित जीवनशैली के आग्रही हैं। संस्कार, स्वास्थ्य और शिक्षण के सदैव दृढ़ हिमायती राज्यपाल प्रत्येक व्यक्ति को अनुरोध करते हैं कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। उनका कहना है कि धर्म, अर्थ, काम करते करते मोक्ष की प्राप्ति के लिए उत्तम स्वास्थ्य ही मुख्य आधार स्तम्भ है। संतुलित खानपान और नियमित दिनचर्या ही उत्तम स्वास्थ्य का आधार है। अगर हम ऐसी जीवनशैली अपनाएंगे तो निश्चित रूप से सुखपूर्वक निरोगी और लम्बा जीवन जी सकेंगे। युवा पीढ़ी नियमित रूप से भारतीय योग विद्या का अनुसरण करे तो जीवन में अवश्य लाभ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने विश्व कल्याण और मानवता की भलाई के लिए योग को वैश्विक बना लिया है। उनके प्रयासों से ही आज 21 जून विश्व योग दिवस के नाम से प्रतिष्ठित बना है। इसके लिए हम सभी श्री नरेंद्रभाई मोदीजी के आभारी हैं। उन्होंने योग को जीवन का भाग बनाने का समग्र मानवजाति से आग्रह किया है।


