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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जल, थल और वायु में “शांति” के लिए हुआ याेग

चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश में समुद्र से लेकर आकाश तक योग का संदेश जन-जन तक पहुंचाया गया और तन-मन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से लेकर अाम नागरिक तक इस जनांदोलन

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जल, थल और वायु में “शांति” के लिए हुआ याेग
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नयी दिल्ली। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश में समुद्र से लेकर आकाश तक योग का संदेश जन-जन तक पहुंचाया गया और तन-मन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से लेकर अाम नागरिक तक इस जनांदोलन में सम्मिलित हुए।



इस वर्ष याेग दिवस की थीम “शांति के लिए याेग” है और 2017 में इसकी थीम“ शांति अौर समरसता” थी। उत्तरी गोलार्ध में 21 जून सबसे बड़ा दिन हाेता है और इसके बाद दिन की अवधि घटती जाती है और इसी वजह से विश्व के अनेक भागों में इस दिन की विशेष अहमियत रहती है। संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में भी योग दिवस के आयोजन की तैयारी है।

सूरीनाम की यात्रा पर गये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक टवीट् कर कहा, “अंतरराष्ट्रीय याेग दिवस के मौके पर विश्व में याेग करने वाले वाले सभी लोगों को बधाई। योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है लेकिन यह केवल भारत तक ही सीमित नहीं है और समूची मानवता की अमूर्त धरोहर है। आप जहां कहीं भी हों, मैं आपको याेग पद्धति के बारे में जानने और इसे करने के लिए आमंत्रित करता हूं।”

कोविंद आज सूरीनाम की राजधानी पारीमारीबू में राष्ट्रपति डेजायर डेलानो बटरेसे के साथ योगाभ्यास करेंगे जबकि राष्ट्रपति भवन में सुबह आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में 500 से ज़्यादा अधिकारियों ने भाग लिया। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मुंबई में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह को संबोधित करते हुए जनता से अपील की कि वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन योगाभ्यास अवश्य करें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आज हजारों लोगों की मौजूदगी में योगाभ्यास कर आमजनों में योग को लोकप्रिय बनाने के लिए जनांदोलन छेड़ने का आह्वान किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं और वह ब्रूसेल्स में यूराेपीय संसद में अंतराष्ट्रीय याेग दिवस कार्यक्रमाें की अगुवाई करेंगी। देश में 21 केन्द्रीय मंत्रियों ने देश के विभिन्न स्थानों पर योगाभ्यास कार्यक्रमों में शिरकत की।

भारतीय वायुसेना के छाताधारी सैनिकों ने विमान से पैराशूट की मदद से छलांग लगाकर हवा में योगाभ्यास का अद्भुत प्रदर्शन किया। वायु नमस्कार और वायु पद्मासन जैसी योग मुद्राओं से लोगों को हैरत में डाल दिया। समुद्र में भारतीय नौसेना के जलवीरों ने युद्धपोत आईएनएस कामोर्ता और पनडुब्बी आईएनएस सिंधुकीर्ति में भी योगासन किये। संसार के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन की बर्फीली चोटियाें पर तैनात सैनिकाें ने सद्गुरू जग्गी वासुदेव के साथ योगासन किये। सशस्त्र बलों की सभी इकाइयों ने योग दिवस मनाया।

रेलवे की सभी इकाइयों ने योग दिवस मनाया। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नोएडा में योगासन किये। श्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में, श्री नितिन गडकरी ने नागपुर में, श्री सुरेश प्रभु ने चेन्नई में, श्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में, स्मृति ईरानी ने पटना में, प्रकाश जावड़ेकर ने मुंबई में, सुश्री उमा भारती ने रुद्र प्रयाग में, श्री अनंत कुमार ने बेंगलुरु में, डॉ. हर्षवर्द्धन ने दिल्ली में, श्री जे पी नड्डा ने शिमला में, श्री रामविलास पासवान ने हाजीपुर में, अनंत गीते ने रोहा में, संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने शिलांग में योगाभ्यास किया।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि पूरे विश्व ने योग को अपना लिया है और इसका उदाहरण यह है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर यह हर साल मनाया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि याेग ने पूरे विश्व को बीमारी से अच्छे स्वास्थ्य की तरफ जाने का रास्ता दिखाया है और यह लोगों को आपस में जोड़ता है, उन्हें समाहित करने में मदद करता है।

मोदी ने कहा कि भारतीयों को अपनी इस धरोहर पर गर्व होना चाहिए और इससे इसकी समद्धता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा,“ योग अाज पूरे विश्व में एकीकरण की बहुत बड़ी ताकत बन चुका है। उन्होंने कहा है कि योग केवल शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए शारीरिक अभ्‍यास नहीं है। यह स्‍वास्‍थ्‍य आश्‍वासन का पासपोर्ट है, तंदरूस्‍ती और सेहत की कुंजी है। योग केवल सुबह में किया जाने वाला शारीरिक अभ्‍यास नहीं है, परिश्रम और संपूर्ण जागरूकता के साथ की जाने वाली दैनिक गतिविधियां भी योग का हिस्सा है।

उन्होंने कहा ,“ विश्‍व में योग नियंत्रण और संयम का विश्‍वास है, मानसिक तनाव से गुजर रही दुनिया में योग शांति प्रदान करता है, विचलित विश्‍व में योग ध्‍यान में सहायता करता है, भय के विश्‍व में योग आशा, शक्ति और साहस का विश्‍वास कराता है।”


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