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योग से शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के प्रबंधक योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग के सूत्रों को पकड़कर शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है

योग से शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता : योगी
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गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के प्रबंधक योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग के सूत्रों को पकड़कर शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री गोरखनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक योग प्रशिक्षण शिविर एवं योग-अध्यात्म-शैक्षिक कार्यशाला के सातवें दिन शुक्रवार को समापन समारोह के अवसर पर शिक्षा परिषद् की सभी शैक्षिक संस्थाओं के संस्थाध्यक्षों एवं शिक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि योगी की तरह ही योग के सिद्धान्तों का आत्म-साक्षात्कार करते हुए शिक्षक एवं संस्थाध्यक्ष अपनी-अपनी संस्थाओं में व्यक्ति निर्माण का लक्ष्य पूर्ण कर सकते है।

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की संस्थाओं को मानक शिक्षण संस्थान बनाने में हम अपनी सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करें ताकि शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से वैश्विक मंच पर योग की परम्परा प्रतिष्ठित हुई है। भारत की योग परम्परा में भारतीय संस्कृति एवं भारत की ऋषि परम्परा समाहित है । दुनिया में योग की स्वीकार्यरता भारत की 130 करोड़ जनता और संस्कृति एवं परम्परा का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीगोरक्षपीठ एक योग पीठ है। महायोगी गोरखनाथ एवं नाथ पंथ के योगियों द्वारा व्यवहारिक योग के प्रतिपालन में आमजन के लिए योग को सर्वसुलभ बनाया। उन्होंने कहा कि जिस व्यवहारिक योग का प्रतिपादन श्रीगोरक्षपीठ ने किया वह किसी भी व्यक्ति, किसी भी संस्था, किसी भी समाज एवं राष्ट्र के उत्थान एवं उत्कर्ष का मूल मंत्र है। शिक्षक एवं संस्थाध्यक्ष योग के सूत्रों को अपनी जीवन में अपनाकर एवं अपनी संस्था की कार्य पद्धति में अपनाकर अपनी शिक्षण संस्थाओं को उत्कृष्ठ संस्था बना सकते है और स्वंय का तथा अपनी संस्था के विद्यार्थियों के बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास कर सकते है।


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