Top
Begin typing your search above and press return to search.

यशवंत सिन्हा का नया बाण -सभी कुछ अच्छा है तो प्रधानमंत्री को राजनीतिक कीमत क्यों चुकानी पड़ेगी?

नरेंद्र मोदी एक तरफ तो रोज़ पूछे जा रहे राहुल गांधी के सवालों से हैरान और परेशान हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा भी मोदी के लिए सिरदर्द बन गए हैं।

यशवंत सिन्हा का नया बाण -सभी कुछ अच्छा है तो प्रधानमंत्री को राजनीतिक कीमत क्यों चुकानी पड़ेगी?
X

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ तो रोज़ पूछे जा रहे राहुल गांधी के सवालों से हैरान और परेशान हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा भी मोदी के लिए सिरदर्द बन गए हैं। यशवंत सिन्हा ने नए सिरे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और गुजरात चुनाव को लेकर भी ताना मारा है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा है।

एनडीटीवी डॉट कॉम के लिए लिखे एक लेख Let's Not Go Ga-Ga Over New GDP Figures में यशवंत सिन्हा ने कहा, गुरुवार के दिन आर्थिक मोर्चे की कई खबरें आईं। सुबह प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह अपने क्रांतिकारी फैसलों की कीमत चुकाने को तैयार हैं। लेकिन शाम को एक खबर आई कि वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 5.7 प्रतिशत से बढ़कर 6.3 प्रतिशत पहुंच गई है। इसके बाद मोदी सरकार को चौतरफा बधाइयां मिलने लगीं।

श्री सिन्हा ने सवाल उठाया कि अगर आर्थिक मोर्च पर सभी कुछ अच्छा है तो प्रधानमंत्री को राजनीतिक कीमत क्यों चुकानी पड़ेगी? क्या यह गुजरात विधानसभा चुनावों में खुद के लिए निजी सहानुभूति पाने की कोशिश तो नहीं है?

वरिष्ठ भाजपा नेता ने लिखा कि राजकोषीय घाटे में गिरावट भी चिंता का विषय है। इसके अलावा प्राइवेट इन्वेस्टमेंट का खराब स्थिति में होना भी अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है। उन्होंने लिखा कि अगर बात 6.3 प्रतिशत की विकास दर की करें तो सबसे ज्यादा 7 प्रतिशत बढ़ोतरी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हुई, जबकि पिछले साल यह 7.7 प्रतिशत थी।

इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछली तिमाही से बढ़कर यह 1.2% हो गया है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक आर्टिकल में हरीश दामोदरन और संदीप सिंह ने संकेत दिया कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा संकलित IIP डेटा के मुताबिक इस अवधि में यह सिर्फ 2.2 प्रतिशत है। यह उस तरीके के बारे में गंभीर सवाल उठाता है, जिसमें हम जीडीपी की गणना कर रहे हैं।

श्री सिन्हा ने लिखा, यह अब उत्पादन के आंकड़ों में परिवर्तन पर आधारित न होकर वैल्यू एडेड आंकड़ों में बदलाव पर आधारित है, भले ही उत्पादन स्थिर रहे या गिर जाए।

श्री सिन्हा ने यह भी लिखा कि कृषि, वन और मत्स्य पालन में लगातार ठहराव है और इसमें पिछली तिमाही के 2.3% की तुलना में केवल 1.7% की वृद्धि दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा कि सितंबर में भी मैंने अर्थव्यवस्था को लेकर समस्याएं उठाई थीं, जिसकी कई लोगों ने यह कहकर आलोचना की थी कि यह केवल एक तिमाही पर आधारित है, जबकि यह पांच तिमाहियों के आंकड़ों पर आधारित थी।

श्री सिन्हा ने लिखा कि भारत को 8-10 प्रतिशत की विकास दर की जरूरत है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it