राहुल गांधी ने कोलंबिया के छात्रों से की मुलाकात, कही बड़ी बात
राहुल गांधी इन दिनों दक्षिण अमेरिका के दौरे पर है। वहां उन्होंने कोलंबिया के छात्रों से कई विषयों पर बात की। राहुल गांधी ने कहा जो देश अपने रीजन को साथ लेकर चलेगा वही देश आगे चलकर ग्लोबल पावर बनेगा, भारत उनमें से एक होगा

राहुल गांधी ने कोलंबिया के छात्रों से की बात
- जो देश अपने रीजन को साथ लेकर चलेगा वही देश आगे चलकर ग्लोबल पावर बनेगा, भारत उनमें से एक होगा : राहुल गांधी
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमें ऐसा मॉडल सेट करना है कि जो उत्पादन में चीन को टक्कर दे सके: राहुल
- अगर देश की जनसंख्या ज्यादा हो और उत्पादन कम हो तो वह बड़ी समस्या बनती है : राहुल
कोलंबिया : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका के दौरे पर हैं। इसी सिलसिले में राहुल कोलंबिया पहुंचे। जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ईआईए में 'द फ्यूचर इज टुडे' कॉन्फ्रेंस में छात्रों, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों के साथ तमाम मुद्दों पर संवाद किया। उन्होंने भारत के भविष्य की दिशा और वैश्विक चुनौतियों पर बात करते हुए उत्पादकता बढ़ाने और क्षेत्रीय सहयोग पर विशेष ज़ोर दिया। राहुल गांधी ने साफ़ कहा कि अगर भारत की जनसंख्या अधिक हो और उत्पादन कम हो, तो यह एक बड़ी समस्या है।
राहुल ने कहा-भारत, एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते, को चीन को टक्कर देने वाला उत्पादन मॉडल तैयार करना होगा। भारत और पश्चिम दोनों ने 'उत्पादन' के विचार को छोड़ दिया है, जो गलत है। इस चुनौती से निपटने के लिए, शिक्षा को व्यावसायिक प्रशिक्षण (वोकेशनल ट्रेनिंग) से जोड़ने की ज़रूरत है, ताकि युवाओं को रोज़गार मिल सके।
वहीं इससे आगे वैश्विक पटल पर भारत की भूमिका पर, राहुल ने कहा: "जो देश अपने क्षेत्र (रीजन) को साथ लेकर चलेगा, वही आगे चलकर ग्लोबल पावर बनेगा। भारत उनमें से एक है।"
इसके साथ ही तकनीकी अवसरों पर बात करते हुए, राहुल गांधी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भारत की युवा आबादी के लिए एक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि AI जैसी नई तकनीकों का लाभ उठाने के लिए भारत को तैयार रहना चाहिए। साथ ही, उन्होंने नवाचार (इनोवेशन) को मानवतावाद (ह्यूमनिज़्म) से जोड़ने पर ज़ोर दिया, ताकि तकनीक इंसानी मूल्यों जैसे समानता और पर्यावरण संरक्षण को मज़बूत करे। अंत में, उन्होंने युवाओं से कहा कि आने वाली पीढ़ी ही संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेगी, और भारत को एक उत्पादन-केंद्रित मॉडल अपनाकर बहुध्रुवीय दुनिया में अपनी जगह बनानी होगी।


