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नेपाल में राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन आज से शुरू, 5 मार्च 2026 को होना है चुनाव

नेपाल में अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। नेपाल में अगले साल 5 मार्च 2026 को चुनाव होने जा रहा है। संसदीय चुनाव लड़ने के लिए प्रपोर्शनल रिप्रजेंटेशन (पीआर) सिस्टम के तहत राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रविवार से शुरू हो गया

नेपाल में राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन आज से शुरू, 5 मार्च 2026 को होना है चुनाव
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नेपाल में चुनाव की तैयारी शुरू, राजनीतिक दलों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू

काठमांडू। नेपाल में अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। नेपाल में अगले साल 5 मार्च 2026 को चुनाव होने जा रहा है। संसदीय चुनाव लड़ने के लिए प्रपोर्शनल रिप्रजेंटेशन (पीआर) सिस्टम के तहत राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रविवार से शुरू हो गया।

नेपाल के प्रतिनिधि सभा के सदस्यों का चुनाव दो तरीकों से होता है। प्रतिनिधि सभा के सदस्य फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (एफपीटीपी) और पीआर सिस्टम, दोनों के जरिए चुने जाते हैं।

नेपाल के निचले सदन में 275 सदस्य हैं। नेपाल के संविधान के अनुसार 275 सदस्यों में से 165 सदस्य एपपीटीपी सिस्टम के तहत और 110 सदस्य पीआर सिस्टम के तहत चुने जाते हैं।

चुनाव आयोग में सूचना अधिकारी सुमन घिमिरे ने आईएएनएस को बताया, "इलेक्शन कमीशन के पहले जारी शेड्यूल के मुताबिक, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि रविवार सुबह से ही चुनाव आयोग के दफ्तर में अपनी पार्टियों को पीआर सिस्टम के लिए पंजीकरण कराने पहुंचे। इसके बाद चुनाव आयोग 10 दिसंबर को पीआर सिस्टम के लिए दाखिल राजनीतिक पार्टियों की लिस्ट जारी करेगा।

इसके बाद 28 और 29 दिसंबर को राजनीतिक दलों को पीआर कैटेगरी के तहत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जमा करनी होगी। चुनाव आयोग अगले साल 3 फरवरी को उम्मीदवारों की फाइनल क्लोज्ड लिस्ट जारी करेगा। चुनाव आयोग के अनुसार, जिस शेड्यूल को मंजूरी दी गई है, उसके हिसाब से 5 मार्च को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक तय पोलिंग सेंटर्स पर वोटिंग होगी।

नेपाल के संविधान के अनुसार, संघीय संसद में हर पार्टी से चुने गए कुल सदस्यों में से कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए। अगर एफपीटीपी सिस्टम के तहत चुने गए उम्मीदवार इस कोटे से कम हो जाते हैं, तो महिलाओं का कम से कम 33 फीसदी प्रतिनिधित्व पक्का करने के लिए पीआर सिस्टम बहुत जरूरी है।

आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (प्रपोर्शनल इलेक्टोरल सिस्टम) के तहत उम्मीदवार उतारते समय राजनीतिक दलों को संविधान के अनुसार आबादी के आधार पर महिलाओं, दलितों, मूल निवासियों, खास आर्य, मधेसियों, थारू, मुसलमानों और पिछड़े इलाकों के लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना होता है।

प्रतिनिधि सभा निर्वाचन अधिनियम के सेक्शन 28 के अनुसार, राजनीतिक दलों को पीआर कैटेगरी के लिए चुनाव आयोग को दी जाने वाली क्लोज्ड लिस्ट में कम से कम 50 फीसदी महिलाओं को शामिल करना जरूरी है।

सूचना अधिकारी घिमिरे के अनुसार, एफपीटीपी सिस्टम के तहत चुनाव लड़ने के लिए आयोग में 117 पार्टियों ने रजिस्टर किया है। इनमें से कई नई पार्टियां हैं जो जेन-जी का प्रतिनिधित्व करती हैं। जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों के बाद ही नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिरा दी गई थी। इस दौरान भारी हिंसा देखने को मिली थी और सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार आई।


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