ढाका में कल होगा खालिदा जिया का अंतिम संस्कार
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को राजधानी के मानिक मियां एवेन्यू में होने का अनुमान है

खालिदा का अंतिम संस्कार बुधवार को ढाका में; एक युग का अंत
ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को राजधानी के मानिक मियां एवेन्यू में होने का अनुमान है।
प्रोथोम आलो ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कहा, "खालिदा जिया का नमाज-ए-जनाजा बुधवार को ढाका के मानिक मियां एवेन्यू में हो सकता है।"
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और तीन दशकों से अधिक समय तक देश के राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहीं बेगम खालिदा जिया का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं।
बेगम जिया ने नेतृत्व वाली बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी ने उनके निधन की पुष्टि की। उनका निधन ढाका के एवरकेयर अस्पताल में आज सुबह छह बजे हुआ, जहां पिछले पांच हफ्तों से उनका इलाज चल रहा था।
पार्टी अधिकारियों ने कहा कि बेगम जिया को 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें निमोनिया भी था और हाल के दिनों में उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी।
एक बयान में, बीएनपी ने कहा, "बीएनपी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का आज सुबह 6:00 बजे फज्र की नमाज के तुरंत बाद निधन हो गया।"
उनकी मौत एक युग का अंत है और इससे उनकी पार्टी को चुनावी अभियान में मदद मिलने की संभावना है क्योंकि दिवंगत नेता के प्रति मतदाताओं की सहानुभूति बढ़ने की उम्मीद है। उनके पति जनरल जिया उर रहमान एक स्वतंत्रता सेनानी और देश के पूर्व सैन्य शासक थे।
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया 1991 में बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी को विजयी दिलाकर सत्ता में आईं। उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और देश के राजनीतिक इतिहास में सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक रहीं। उनका पहला कार्यकाल मार्च 1991 से फरवरी 1996 तक था, दूसरा कार्यकाल फरवरी 1996 के बाद कुछ सप्ताह तक चला और तीसरा कार्यकाल अक्टूबर 2001 से अक्टूबर 2006 तक था।
बेगम जिया को 2018 में उनकी चिरप्रतिद्वंदी शेख हसीना के शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाना पड़ा। उन्हें पिछले वर्ष सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बाद रिहा किया गया, जिसके कारण हसीना को भारत में निर्वासित होना पड़ा।
बीएनपी सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है और पार्टी नेताओं ने संकेत दिया है कि अगर पार्टी आगामी चुनाव जीतती है, तो बेगम जिया के बेटे तारिक रहमान के राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने की उम्मीद है।
60 वर्षीय तारिक रहमान 17 साल तक लंदन में स्वेच्छा से निर्वासन में रहने के बाद पिछले सप्ताह ही बांग्लादेश लौटे हैं।
उनकी मृत्यु पर प्रतिक्रिया देते हुए, ढाका में भारत की पूर्व उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास ने यूनीवार्ता से कहा, “यह एक युग का अंत है। हमने उनके साथ तब भी काम किया है जब वह विपक्ष में थीं।”
राजदूत दास ने कहा कि जब वह विपक्ष में थीं और भारत आई थीं, तब भी नयी दिल्ली ने उनका भव्य स्वागत किया था। उन्होंने कहा, "जो लोग कहते हैं कि हमने सिर्फ एक ही पार्टी से संबंध बनाए रखए वे तथ्यों से अनजान हैं।" हालांकि, बेगम जिया की विरासत को लेकर उनके देशवासी बंटे हुए हैं।
निर्वासित बांग्लादेशी कवयित्री और लेखिका तस्लीमा नसरीन ने यूनीवार्ता से कहा, "बेगम जिया का उत्थान बहुत ही कम समय में हुआ, वे एक साधारण गृहिणी से देश की प्रधानमंत्री बनीं। जेल में बिताए दो वर्षों को छोड़कर उनके जीवन में किसी चीज की कमी नहीं थी।"
उन्होंने कहा, “बेगम जिया ने मेरी कई किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसकी शुरुआत 'लज्जा' से हुई थी… क्या अब वे प्रतिबंध हटाए जाएंगे?”
पुरस्कार विजेता लेखिका तस्लीमा ने भविष्यवाणी किया कि उनके बेटे तारिक रहमान चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा, " यह हमारे लिए अच्छा होगा या नहीं मुझे नहीं पता। लेकिन कम से कम बांग्लादेश में अभी जो अराजकता हम देख रहे हैं, उसका अंत हो जाएगा।"


