सर्दियां शुरू लेकिन सरकार द्वारा रैन बसेरों के प्रति नहीं दिख रही सक्रियता
राजधानी में सर्दी ने दस्तक दे दी है और विपक्ष ने बढ़ती हुई ठंड के बावजूद केजरीवाल सरकार पर रैन बसेरों में आश्रयहीन लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति अभी तक गम्भीरता न दिखाए जाने का आरोप जड़ा है

नई दिल्ली। राजधानी में सर्दी ने दस्तक दे दी है और विपक्ष ने बढ़ती हुई ठंड के बावजूद केजरीवाल सरकार पर रैन बसेरों में आश्रयहीन लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति अभी तक गम्भीरता न दिखाए जाने का आरोप जड़ा है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यदि सरकार ने तुरन्त सक्रियता नहीं दिखाई तो दिल्ली में ठंड के कारण होने वाली मौत की घटनाओं में वृद्धि होने की आशंका है। उन्होने कहा कि 70 नए अस्थाई शैल्टर अभी तक बनकर तैयार नहीं हुए हैं वहीं सरकार ने सर्दी प्रारम्भ होने के बाद एक्शन प्लान बनाया व उस पर भी अभी तक अमल प्रारम्भ नहीं हुआ है।
श्री गुप्ता ने निगरानी कमेटी पर अभी तक अपना कार्य प्रारम्भ नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि फ ील्ड स्टॉफ की झूठी सच्ची फील्ड रिपोर्टों पर विश्वास किया जा रहा है। इस वर्ष बजटीय भाषण में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दावे के विरूद्ध आज भी रैन बसेरों में पर्याप्त संख्या में कम्बल, दरियां, चटाइयां, पेयजल, प्राथमिक उपचार, चाय और भोजन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हैं। बोर्ड द्वारा तैयार किए गए 92 स्थाई रैन बसेरों और 112 पोर्टा केबिनों में सफाई की हालत बहुत खराब है।
मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत लचर है व लोग यहां जाने से घबराते हैं, क्योंकि इनमें अवांछित लोगों का कब्जा रहता है। यह लोग वास्तव में रैन बसेरों में सोने की योग्यता रखने वाले लोगों के साथ मारपीट करते हैं । विपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार सुरक्षा गार्ड नियुक्त कर कानून व व्यवस्था बनाए। शौचालय की व्यवस्था बहुत कम है और लोगों को घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी की प्रतिक्षा करनी पड़ती है। अधिकतर रैन बसैरों में पानी की व्यवस्था नहीं है। ठंड से बचने के लिए अभी तक प्रचुर मात्रा में कम्बल उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। जो कम्बल वितरित कि गए हैं उनके लिए सफाई की व्यवस्था नहीं है, इस कारण वे ओढऩे योग्य नहीं हैं।


