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राहुल गांधी की बातों से परेशानी क्यों

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भाजपा एक बार फिर हमलावर हो गई है। राहुल गांधी इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं

राहुल गांधी की बातों से परेशानी क्यों
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कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भाजपा एक बार फिर हमलावर हो गई है। राहुल गांधी इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं। इस दौरान टेक्सास प्रांत के डलास शहर में भारतीय समुदाय और टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए जो विचार राहुल गांधी ने रखे, वो भाजपा को नागवार गुजर रहे हैं। लिहाजा एक बार फिर राहुल गांधी को देशविरोधी, देशद्रोही, भारत का अपमान करने वाला, आदि कहा जा रहा है। दरअसल श्री गांधी ने अपने संबोधनों में भारत के विचार को केंद्र में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु उठाए। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों पर भी टिप्पणी की, यही बात भाजपा नेताओं को इतनी खटक गई कि देश में निर्वाचित सांसद और नेता प्रतिपक्ष को देशविरोधी कहा गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय समुदाय के बीच अपने संबोधन में कहा कि उनकी भूमिका भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता के मूल्यों को स्थापित करने की है। उन्होंने माना कि लगभग सभी दलों में प्रेम, सम्मान और विनम्रता का अभाव नजर आता है और इसे ही दूर करने में अपनी भूमिका को उन्होंने रेखांकित किया। उन्होंने धर्म, जाति, समुदाय, राज्य या भाषा के बंधनों से परे सभी से प्रेम की जरूरत पर बल दिया, इसके साथ ही कहा कि हर उस व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए जो भारत का निर्माण करने का प्रयास कर रहा है। विनम्रता केवल दूसरों में नहीं, बल्कि स्वयं में होनी चाहिए। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि, आरएसएस मानता है कि भारत एक विचार है। हम मानते हैं कि भारत विचारों की विविधता वाला देश है। हम अमेरिका की तरह मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का अधिकार है, सबको भागीदारी का मौक़ा मिलना चाहिए और यही लड़ाई है।

राहुल गांधी ने भारतीय परंपरा के मूल्यों के साथ-साथ संविधान की महत्ता को स्थापित किया, क्योंकि संविधान भी एक की नहीं, अनेकता में एकता की बात करता है। लेकिन भाजपा ने इस भाषण पर राहुल गांधी को घेर लिया। भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि आरएसएस को जानने के लिए राहुल गांधी को कई जन्म लेने पड़ेंगे। कोई देशद्रोही आरएसएस को नहीं जान सकता। जो विदेशों में जाकर देश की निंदा करे वो आरएसएस को नहीं जान सकता। लगता है कि राहुल गांधी भारत को बदनाम करने के लिए ही विदेश जाते हैं। भाजपा सांसद के इस तिलमिलाहट भरे प्रत्युत्तर से कुछ सवाल उपजते हैं। जैसे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर की गई किसी टिप्पणी पर संघ की ओर से बयान आने से पहले ही भाजपा क्यों जवाब दे रही है। राहुल गांधी अगर भारत में कई विचारों के सम्मान की बात करते हैं, तो भाजपा को यह बात क्यों नागवार गुजर रही है। क्या भाजपा यह मानने लगी है कि भाजपा और संघ का साथ देना देशप्रेम है और अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत अपने विचारों को प्रकट करना देशविरोधी गतिविधि है।

बहरहाल, राहुल गांधी ने टेक्सास विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत के दौरान बेरोजगारी दूर करने के जो तरीके बताए या भारत में उत्पादन गति धीमी होने और चीन के इस मामले में आगे निकलने के जो बयान दिए, उन पर भी भाजपा ने आरोप लगाया कि ये भारत का अपमान है। भाजपा की बेचैनी उस वक्त और खुलकर सामने आ गई, जब ओवरसीज़ इंडियन कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की एक टिप्पणी को अधूरे संदर्भ के साथ भाजपा ने पेश किया। दरअसल राहुल गांधी के बारे में सैम पित्रोदा ने कहा कि उनके पास एक दृष्टिकोण है। हालांकि भाजपा ने करोड़ों रुपये ख़र्च किए राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए, लेकिन वो पप्पू नहीं हैं, जैसा भाजपा बताती है। राहुल काफ़ी शिक्षित इंसान हैं, उन्हें मुद्दों की गहरी समझ है, वे काफी पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और वे एक रणनीतिकार हैं।

जाहिर है सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी की तारीफ की और बताया कि भाजपा ने उनकी छवि जैसी बनाई है, वो वैसे नहीं हैं। लेकिन भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसी बयान के एक अंश को साझा कर तंज़ कसा कि कल्पना कीजिए कि कोई राहुल गांधी का परिचय इस तरह से करा रहा हो कि वो पप्पू नहीं हैं और सैम पित्रोदा ने यह कर दिखाया है। इस टिप्पणी के साथ भाजपा ने अधूरी बातों के साथ भ्रामक जानकारी संभवत: इस उद्देश्य से फैलाई कि इसका लाभ उसे मिलेगा। लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में जितना आसान गलत बातों को प्रसारित करना है, उतना ही आसान तथ्यों की पड़ताल करना भी है। लिहाजा दूध का दूध और पानी का पानी होने में वक्त नहीं लगता। इससे पहले चुनावों के वक्त भी सैम पित्रोदा की एक टिप्पणी को लेकर भाजपा हमलावर हुई थी, जब उन्होंने कहा था कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व में रहने वाले लोग चाइनीज़ जैसे दिखते हैं, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में रहने वाले मेरे ख्याल से गोरे लोगों की तरह दिखते हैं, वहीं दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी जैसे लगते हैं। इससे फ़क़र् नहीं पड़ता. हम सब भाई-बहन हैं।'

इस टिप्पणी को नस्लभेदी कहा गया, जबकि सैम पित्रोदा ने बताया था कि भारत में रंग-रूप की विविधता होने पर भी कोई फर्क नहीं है, सभी भारतीय एक हैं। दरअसल अंग्रेजी में कही बातों का जब अनुवाद होता है, तो कई बार सही संदर्भ में बातें सामने नहीं आ पाती। लेकिन अभी भाजपा जिस तरह से राहुल गांधी को घेर रही है, उसमें ऐसा लगता है कि भाजपा को समझ तो सब आ रहा है, लेकिन फिर भी वह कांग्रेस और राहुल गांधी को घेरने के लिए इस तरह के मिथ्या आरोप लगा रही है।

हालांकि लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद भाजपा को अपनी राहुल विरोधी इस रणनीति को बदल लेना चाहिए। जितनी बार राहुल गांधी पर भाजपा सवाल उठाएगी, उससे कहीं ज्यादा सवाल भाजपा के शासनकाल और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर उठेंगे। क्योंकि श्री गांधी जनता से जुड़े मुद्दों पर ही बात कर रहे हैं, और सवाल कर रहे हैं। फिर चाहे वह देश में करें या अमेरिका में करें।


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