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मेसी इवेंट मामला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को दिया निर्देश, 22 दिसंबर तक जमा करें रिपोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने लियोनल मेसी के इवेंट के दौरान गुरुवार को साल्ट लेक स्टेडियम में हुई अफरा-तफरी और तोड़फोड़ पर पश्चिम बंगाल सरकार से 22 दिसंबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है

मेसी इवेंट मामला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को दिया निर्देश, 22 दिसंबर तक जमा करें रिपोर्ट
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लियोनल मेसी इवेंट मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को सोमवार तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने लियोनल मेसी के इवेंट के दौरान गुरुवार को साल्ट लेक स्टेडियम में हुई अफरा-तफरी और तोड़फोड़ पर पश्चिम बंगाल सरकार से 22 दिसंबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

इस मामले में तीन अलग-अलग जनहित याचिकाएं फाइल की गई थीं, जिस पर गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल और जज पार्थ सारथी सेन की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई शुरू होने के साथ ही राज्य सरकार के वकील ने सुनवाई टालने का अनुरोध किया। डिवीजन बेंच ने अनुरोध मानते हुए राज्य सरकार को 22 दिसंबर तक कोर्ट में मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई भी अब 22 तारीख को होगी।

इस मामले में फाइल की गई तीन जनहित याचिकाओं में से एक में, पिटीशनर और सीनियर एडवोकेट बिलवादल भट्टाचार्य ने इवेंट के टिकटों की बिक्री में कथित वित्तीय गड़बड़ियों की पूरी जांच की मांग की, जहां अलग-अलग टिकटों की कीमतें अलग-अलग थीं, जो 3,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक थीं।

सीनियर वकील सब्यसाची चट्टोपाध्याय की फाइल की गई एक और पीआईएल में, इस मामले की भारत के कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) से जांच की मांग की गई है।

चट्टोपाध्याय की पीआईएल में मेसी शो में कुप्रबंधन की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अगुवाई में एक कमेटी बनाने को भी चुनौती दी गई है। पिटीशन में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा घोषित जांच कमेटी सिर्फ दिखावा थी और इसका मकसद मैनेजमेंट के पीछे के मुख्य दोषियों को बचाना था।

साल्ट लेक स्टेडियम में अफरा-तफरी के तुरंत बाद मुख्यमंत्री द्वारा घोषित उक्त जांच कमेटी के हेड कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस (सेवानिवृत्त) अशीम कुमार रे हैं। कमेटी के दूसरे दो सदस्य मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह विभाग की अतिरिक्त सचिव नंदिनी चक्रवर्ती हैं।

विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने गवर्नर सी.वी. आनंद बोस को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित कमेटी को रद्द करते हुए मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने का अनुरोध किया है।


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