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हमने सख्त नकल विरोधी कानून लाकर नकल माफिया को पूरी तरह किया समाप्त : सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन भवन में आयोजित कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए

हमने सख्त नकल विरोधी कानून लाकर नकल माफिया को पूरी तरह किया समाप्त : सीएम धामी
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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्य सेवक सदन भवन में आयोजित कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नकल के खिलाफ कड़े कानून लाकर नकल माफिया को पूरी तरह समाप्त कर दिया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय में चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। उन्होंने मेधावी छात्रों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में 50 हजार रुपये की धनराशि प्रदान किए जाने के लिए पोर्टल का शुभारंभ भी किया।

सीएम धामी ने सभी चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा, "मुझे पूर्ण विश्वास है कि सभी नवनियुक्त युवा अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करेंगे। हमने सख्त नकल विरोधी कानून लाकर नकल माफिया को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। अब प्रदेश में तेजी से भर्तियां भी निकल रही हैं और उन पदों पर युवाओं को नियुक्ति भी मिल रही है।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षार्थियों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आपके पास हमारे युवाओं का भविष्य निर्माण करने की अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नये चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों का यह पहला पड़ाव है। अब उनके पास अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन से बच्चों के भविष्य को संवारने की महत्वपूर्ण चुनौती है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर अपने कार्यस्थल पर नवाचार का प्रयोग करेंगे। समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएंगे, शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करेंगे और रोजगारपरक शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। पिछले तीन साल में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति प्रदान की गई है और शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान मिला है। यह राज्य के लिए गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को इस तरह तैयार करना है कि वे सिर्फ रोजगार पाने वाले ही न बनें, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए राज्य में देवभूमि उद्यमिता योजना भी शुरू की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू किया गया है। शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, तकनीक के विस्तार आदि क्षेत्रों में कार्य किये जा रहे हैं। बीस मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग एवं वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण तथा पांच हजार छात्रों के प्लेसमेंट का भी लक्ष्य रखा गया है।


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