राहुल गांधी के खुलासे पर भाजपा को क्यों लग रहा बुरा : एसटी हसन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राहुल गांधी पर दिए गए बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने भाजपा पर निशाना साधा

- एसटी हसन का BJP पर पलटवार: राहुल गांधी के खुलासे पर मिर्ची क्यों?
मुरादाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राहुल गांधी पर दिए गए बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने भाजपा पर निशाना साधा।
एसटी हसन ने कहा कि गृह मंत्री को क्या यह बात शोभा देती है। अगर भ्रष्टाचार और अपराध उजागर हुआ है तो गृह मंत्री को चाहिए था कि इसकी जांच करवाते और उसके बाद कार्रवाई होती। आखिर हमारे गृह मंत्री को इतनी तकलीफ क्यों हो रही है। उनका काम तो कानून का पालन कराना है, ईमानदारी के साथ काम करना है। भाजपा नेताओं को राहुल गांधी के खुलासे से इतनी मिर्ची क्यों लग रही है, ऐसा लग रहा है चुनाव आयोग और भाजपा एक-दूसरे के लिए काम कर रहे हैं।
वोटर लिस्ट में धांधली और घुसपैठिए : एसटी हसन ने उठाए गंभीर सवाल
एसटी हसन ने कहा कि राहुल गांधी जितना पढ़ सकते हैं, उतना संविधान पढ़ रहे होंगे। मैं गृह मंत्री के बयान का पूरी तरह समर्थन करता हूं। घुसपैठियों का चुनाव में कोई काम नहीं है, देश के नागरिकों को हमारा चुनाव आयोग घुसपैठिया घोषित नहीं करे। इस समय देश के नागरिकों को घुसपैठिया घोषित कर वोट से वंचित कराने का काम किया जा रहा है।
राहुल गांधी को शपथ पत्र की जरूरत नहीं: वोटर लिस्ट रैकेट पर एसटी हसन
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को शपथ पत्र देने की जरुरत ही क्या है। एक छोटे से कमरे के अंदर 40 आदमी रह रहे हैं, पिता का नाम सही नहीं लिखा है, मकान नंबर तक सही नहीं है। इतने छोटे फोटो बना दिए हैं कि आप पहचान ही नहीं सकते। यह बहुत बड़ा रैकेट है। यह रैकेट जो राहुल गांधी ने उजागर किया है, अगर यह किसी ईमानदार सरकार में होता तो शायद देश के अंदर अब तक बहुत बड़ी उछल-पुथल हो चुकी होती।
एसटी हसन का दावा: मुरादाबाद में पकड़ा था चुनाव आयोग का रैकेट
एसटी हसन ने कहा कि मैंने मुरादाबाद में चुनाव आयोग का रैकेट पकड़ा था। जो लोग जिंदा थे, उनको मरा दिखाया गया। मैंने इसकी लिखित शिकायत जिलाधिकारी और चुनाव आयोग में की थी। जांच के बाद मामला सही निकला और लोगों के नाम दोबारा मतदाता सूची में जोड़े गए। भाजपा, साम दाम दंड भेद, सबकुछ करती है, इसमें कामयाब नहीं होंगे तो वोटिंग वाले दिन विपक्षी पार्टी के लोगों को वोट डालने नहीं देंगे।


