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राहुल गांधी पर राष्ट्रद्रोह का आरोप, लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में मामला दर्ज

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी विवादों में घिर गए हैं

राहुल गांधी पर राष्ट्रद्रोह का आरोप, लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में मामला दर्ज
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लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज, 1 अक्टूबर को सुनवाई

  • भाजपा-आरएसएस और गणराज्य पर टिप्पणी के बाद राहुल गांधी कानूनी घेरे में
  • राष्ट्रविरोधी बयान का आरोप, राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दर्ज
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर देशद्रोह का केस, कोर्ट ने तलब किया

लखनऊ। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी विवादों में घिर गए हैं। लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और षड्यंत्र के आरोपों को लेकर एक परिवाद दर्ज किया गया है।

यह मामला राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है, जो उन्होंने 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर दिया था। उस दौरान राहुल गांधी ने कहा था, "हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं।"

इस बयान को लेकर लखनऊ के सिविल कोर्ट के अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने आपत्ति जताई है और कोर्ट में परिवाद दायर किया। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

अधिवक्ता की आपत्ति और कानूनी कार्रवाई

परिवाद में अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी का यह बयान राष्ट्रविरोधी है और भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा हमला है। उनका कहना है कि यह बयान सोच-समझकर, पूरी मानसिक स्थिरता के साथ, और संभवतः विदेशी ताकतों के इशारे पर दिया गया ताकि देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा की जा सके।

आरोपों की गंभीरता और विदेशी साजिश का संदेह

अधिवक्ता ने इसे देश तोड़ने की साजिश बताते हुए कहा है कि राहुल गांधी ने अपने बयान से न सिर्फ भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा, बल्कि भारत के गणराज्य को भी निशाना बनाया है।

न्यायालय की प्रतिक्रिया और तलब

इस गंभीर आरोप को लेकर एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक वर्मा ने परिवाद दर्ज कर लिया है। न्यायालय से राहुल गांधी समेत कई अन्य कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी इस मामले में तलब कर भारतीय न्याय संहिता 2023 की देशद्रोह और षड्यंत्र से संबंधित धाराओं के तहत दंडित करने की मांग की गई है।

इस संबंध में अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने कहा, "राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन पर जानबूझकर यह कहा कि हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं। इस कथन से साफ है कि वे अब राजनीतिक दलों से नहीं, बल्कि भारत के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं से लड़ाई का ऐलान कर रहे हैं।"

लोकतंत्र पर सवाल और युवाओं से अपील

उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी कई महीनों से यह माहौल बना रहे हैं कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं भ्रष्ट हैं, चुनाव प्रक्रिया में धोखा हो रहा है और लोकतंत्र खत्म हो चुका है। राहुल गांधी ने देश के युवाओं से अपील की है कि भारत के लोकतंत्र को बचाना होगा, जो संकेत देता है कि वह नेपाल जैसी स्थिति भारत में पैदा करना चाहते हैं।"

अगली सुनवाई और पूर्व विवादों की झलक

इस केस में अब अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। राहुल गांधी पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं, लेकिन इस बार मामला राष्ट्रद्रोह जैसे गंभीर आरोपों तक पहुंच चुका है।


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