Top
Begin typing your search above and press return to search.

धामी सरकार ने धर्मांतरण कानून को बनाया और सख्त, क्या बोले मुस्लिम धर्मगुरु?

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने धर्मांतरण पर कड़ा रुख अपनाते हुए कानून को और सख्त बना दिया है

धामी सरकार ने धर्मांतरण कानून को बनाया और सख्त, क्या बोले मुस्लिम धर्मगुरु?
X

धामी सरकार ने धर्मांतरण कानून किया सख्त, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया

  • उत्तराखंड में धर्मांतरण पर सख्त कानून, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उठाए संवैधानिक और सामाजिक सवाल
  • धर्म परिवर्तन पर डिजिटल सख्ती: मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा– जबरन गलत, स्वेच्छा सम्माननीय
  • धामी सरकार की नई पहल पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की दो टूक– आस्था पर दबाव नहीं चलेगा
  • धर्मांतरण कानून पर सियासी और धार्मिक बहस तेज, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जताई चिंता

मुरादाबाद। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने धर्मांतरण पर कड़ा रुख अपनाते हुए कानून को और सख्त बना दिया है। अब अगर कोई डिजिटल माध्यम से भी किसी का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान होगा। इसके लिए 'उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध संशोधन विधेयक' विधानसभा में पेश कर दिया गया है।

इस मुद्दे पर यूपी के मुरादाबाद से मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती मौलाना दानिश कादरी ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, "पहले ये समझना जरूरी है कि धर्मांतरण आखिर है क्या? अगर कोई मुसलमान हिंदू धर्म अपनाना चाहता है, तो उसका सम्मान किया जाना चाहिए। ठीक वैसे ही अगर कोई गैर-मुस्लिम व्यक्ति चाहे हिंदू हो, सिख हो या ईसाई, अगर वह स्वेच्छा से इस्लाम अपनाता है, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।"

मौलाना कादरी ने आगे कहा कि जबरन या धोखे से धर्म बदलवाना बिल्कुल गलत है, और जो ऐसा करता है, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए, चाहे वो किसी भी धर्म का हो। धर्म आस्था की बात है और यह पूरी तरह व्यक्तिगत फैसला होता है, इसमें कोई दबाव नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "धर्म कपड़े की तरह नहीं कि आज ये पसंद नहीं आया तो बदल लिया। यह दिल का मामला है। कोई इस्लाम जानना चाहता है, तो उसे जानकारी देना धर्मांतरण नहीं है।"

वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी इस विधेयक पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, "सीएम धामी एक सीरीज में काम कर रहे हैं। पहले उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड को विधानसभा से जबरन पास कराया, फिर मदरसा बोर्ड को खत्म करके नया अल्पसंख्यक शिक्षक संस्थान लाने की घोषणा की, और अब धर्मांतरण पर नया कानून ला रहे हैं। ये सब कुछ हिन्दुत्ववादी सोच के तहत किया जा रहा है।"

मौलाना रजवी ने कहा कि केवल कानून बनाकर, या कागज काले करके समस्या का हल नहीं होगा। मसला तब हल होगा जब सबको बराबरी का दर्जा मिलेगा, सबके साथ न्याय होगा। देश को हिंदू-मुसलमान में बांटने के बजाय, शिक्षा और विकास सबके लिए एक समान होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मजहब की बुनियादों पर तफरीक पैदा कर देना या लोगों को तोड़ देना, ऐसे लोगों को दुनिया माफ नहीं करेगी।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it