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उप्र : सरकार श्रमिकों की बेटियों के विवाह की व्यवस्था करेगी

उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को बताया कि योगी सरकार अब सामूहिक विवाह सम्मेलनों में श्रमिकों की बेटियों के विवाह की व्यवस्था करने जा रही है

उप्र : सरकार श्रमिकों की बेटियों के विवाह की व्यवस्था करेगी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को बताया कि योगी सरकार अब सामूहिक विवाह सम्मेलनों में श्रमिकों की बेटियों के विवाह की व्यवस्था करने जा रही है। सरकार विवाह सम्मेलन में ही बेटियों को 55 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी देगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश मुख्यालय में जन सहयोग केंद्र पर मौजूद मौर्य ने मंगलवार को बताया, "मंडल स्तर पर प्रदेश सरकार सामूहिक विवाह सम्मेलनों के आयोजन द्वारा श्रमिकों की बेटियों के विवाह का खर्च वहन करेगी और दांपत्य जीवन की शुरुआत के लिए बेटियों को 55 हजार रुपये के चेक भी दिए जाएंगे। मजदूरों को पंजीकृत करने का काम चल रहा है। निर्माण कार्य सहित अन्य क्षेत्रों के मजदूरों के बीच में शिविर लगाकर पंजीकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।"

मंत्री ने कहा कि श्रमिकों के पंजीकरण के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा।

उन्होंने बताया, "संत रविदास शिक्षा मदद योजना के तहत मजदूरों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 60 हजार रुपये तक की व्यवस्था की है। शिशुहित लाभ योजना के तहत बेटी के जन्म पर 15 हजार रुपये एवं बेटे के जन्म पर 12 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही बेटी के जन्म पर 20 हजार रुपये एक मुश्त जमा किया जाएगा, जो 18 वर्ष पूर्ण होने पर मिलेगा।"

स्वामी प्रसाद ने बताया, "श्रमिकों को आवास के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद का प्रबंध भी सरकार करेगी। श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा मदद योजना के तहत प्राइमरी शिक्षा के लिए 100 रुपये, जूनियर शिक्षा के लिए 150 रुपये, माध्यमिक शिक्षा हेतु 200 रुपये, स्नातक शिक्षा के लिए 250 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पांच हजार रुपये की व्यवस्था होगी। श्रमिकों के लिए पांच शहरों में प्रारंभ हुई 10 रुपये में भरपेट मध्याह्न भोजन-योजना अन्य शहरों में भी प्रारंभ की जाएगी।"

श्रम मंत्री ने कहा, "मजदूरों की दुर्घटना में मृत्यु पर पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता परिजनों को दी जाएगी। स्थाई रूप से अंग भंग होने पर तीन लाख रुपये की सहायता एवं सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता की व्यवस्था की गई है। वहीं अंत्येष्ठि के लिए 25 हजार रुपये की सहायता की भी व्यवस्था की गई है।"

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग श्रमिकों के कार्यस्थल के पास ही उनके बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था भी करेगा।


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