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खरगे की उम्र पर सवाल उठाने वाले पूर्व विधायक मोकिम कांग्रेस से निष्कासित

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने पूर्व विधायक और सीनियर नेता मोहम्मद मोकिम को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकाल दिया है

खरगे की उम्र पर सवाल उठाने वाले पूर्व विधायक मोकिम कांग्रेस से निष्कासित
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ओडिशा कांग्रेस ने पूर्व MLA मोकिम को पार्टी से बाहर किया

  • नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले मोकिम की कांग्रेस से छुट्टी
  • पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पूर्व विधायक मोकिम निकाले गए
  • सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले मोकिम पर कांग्रेस का ऐक्शन

भुवनेश्वर। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने पूर्व विधायक और सीनियर नेता मोहम्मद मोकिम को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकाल दिया है। कुछ दिन पहले उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाया था।

एआईसीसी ने सदस्यता समाप्ति का प्रस्ताव मंजूर

ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास के हस्ताक्षर वाले 13 दिसंबर को जारी एक नोटिस में लिखा है, "यह सभी संबंधित लोगों की जानकारी के लिए है कि एआईसीसी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मोहम्मद मोकिम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"

खड़गे की उम्र और नेतृत्व पर सवाल, गांधी परिवार को पत्र

यहां यह बताना जरूरी है कि कटक-बाराबती की मौजूदा विधायक सोफिया फिरदौस के पिता मोकिम ने हाल ही में पार्टी में तब हंगामा खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गेकी उम्र पर सवाल उठाए थे। साथ ही राहुल गांधी और ओपीसीसी अध्यक्ष दास को निशाना बनाया था।

पूर्व विधायक ने 8 दिसंबर को लिखे अपने पत्र में कहा था कि पार्टी को ओडिशा में लगातार छह हार और राष्ट्रीय स्तर पर तीन बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, जो उनके जैसे वफादार कार्यकर्ताओं के लिए चिंताजनक, दिल तोड़ने वाला और असहनीय है। उन्होंने मौजूदा ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास को निशाना बनाते हुए उनके खराब चुनावी प्रदर्शन और कांग्रेस पार्टी के साथ वैचारिक मतभेदों की ओर इशारा किया।

भक्त चरण दास के नेतृत्व और विचारधारा पर आरोप

मोकिम ने कहा कि दास 2025 में ओपीसीसी अध्यक्ष बने थे। उनको लगातार तीन चुनावी हार का सामना करना पड़ा है और वे एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा से जुड़े रहे हैं जो पारंपरिक रूप से कांग्रेस के विपरीत रही है।

उन्होंने जेपी आंदोलन के समय गांधी परिवार की दास की पिछली आलोचनाओं पर भी प्रकाश डाला। मोकिम ने यह भी आरोप लगाया कि ओपीसीसी अध्यक्ष और उनके बेटे के अलग 'कोसल राज्य' के खुले समर्थन से राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच और भी ज्यादा अशांति फैल गई है।

केंद्रीय नेतृत्व की गलतियों और केंद्रीकरण पर निशाना

राज्यों में केंद्रीय नेतृत्व के नेतृत्व चुनने की पसंद को निशाना बनाते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि गलत फैसलों की एक श्रृंखला, गुमराह करने वाले नेतृत्व के चुनाव, और गलत हाथों में ज़िम्मेदारी का लगातार केंद्रीकरण ने पार्टी को अंदर से कमजोर कर दिया है।

केंद्रीय नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लगातार गलत फैसले लेना, गलत लोगों को नेतृत्व सौंपना और जिम्मेदारी को लगातार गलत हाथों में केंद्रित करना, इन सबने पार्टी को अंदर से कमजोर कर दिया है।

राहुल गांधी से मुलाकात न होने की नाराज़गी

जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच बढ़ती दूरी का आरोप लगाते हुए, मोकिम ने कहा कि वह लगभग तीन साल तक इंतजार करने के बाद भी राहुल गांधी से नहीं मिल पाए।

मोकिम के पत्र ने पार्टी में हलचल मचा दी है, जिसमें वरिष्ठ नेताओं ने खुले तौर पर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने के लिए उनकी आलोचना की है। ओपीसीसी अध्यक्ष दास ने मोकिम का नाम लिए बिना पहले कहा था कि जो लोग भाजपा के संपर्क में हैं, उन्हें कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए।


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