देश को स्वच्छ रखना ही राष्ट्रनायकों को सच्ची श्रद्धांजलिः पाल
उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजभवन में राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर उनके चित्रों पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की
देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजभवन में राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर उनके चित्रों पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि देश को स्वच्छ रखने में हमारा सक्रिय योगदान ही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राजभवन में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. पाल ने उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों साधु सिंह बिष्ट, रामप्रताप बहुगुणा और श्री परिपूर्णानंद पैन्यूली को शाॅल भेंट कर सम्मानित किया। गांधी जी और शास्त्री जी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपिता के नेतृत्व में स्वाधीनता आन्दोलन न केवल देश को राजनीतिक आजादी दिलाने का संघर्ष था बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक व भावात्मक संघर्ष भी था जिसने लोगों में वैचारिक चेतना जगाई। उसी का परिणाम है कि हमने अंग्रेजी शासन से आजादी पाने के साथ ही अनेकों सामाजिक बुराईयों से भी आजादी पाई।
हमारी सभी उपलब्धियों के पीछे आजादी के ज्ञात-अज्ञात महानायकों के त्याग एवं बलिदान से उत्पन्न शक्ति की प्रेरणा निहित है। डॉ. पाल ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सादगी, सरलता, देशभक्ति तथा ईमानदारी से भरा जीवन-आचरण हम सभी के लिए प्रेरक है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के लिए स्वच्छता एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा था। वे साफ-सफाई को ईश्वर भक्ति के समान मानते थे।
दक्षिण अफ्रीका के दिनों से लेकर भारत तक, वह अपने पूरे जीवनकाल में निरंतर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते रहे। ‘यंग इंडिया’ के एक अंक में उन्होंने लिखा था, ‘‘देश के अपने भ्रमण के दौरान मुझे सबसे ज्यादा तकलीफ गंदगी को देखकर हुई।’’ गांधीजी के आश्रम में रहने की पहली शर्त यही होती थी कि आश्रम में रहने वालों को आश्रम की सफाई का काम स्वयं करना होगा जिसमें शौच का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण भी शामिल था।
राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान प्रारम्भ किया। इस समय देश को स्वच्छ बनाने और इसे खुले में शौच से मुक्ति का महायज्ञ चल रहा है। इसमें हम सभी को अपना योगदान देना होगी।
उत्तराखंड, देवभूमि है और इसलिए स्वच्छता के प्रति हमारा विशेष दायित्व है। उन्होंने अपने घरों के साथ ही अपने मोहल्लों, सार्वजनिक स्थलों, शहरों, राज्य व देश की स्वच्छता का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि देश को स्वच्छ रखने में हमारा सक्रिय योगदान ही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


