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वहशी होता समाज  वहशी होता समाज, अब मानवीय संवेदनाएं नहीं रही

वहशी होता समाज वहशी होता समाज, अब मानवीय संवेदनाएं नहीं रही

क्या आदमी नफरत और गुस्से की आग में इतना वहशी भी हो सकता है कि पीट-पीटकर किसी की हत्या कर दे? क्या हमारे समाज में जंगल का कानून लागू है? जो इंसान को न...

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