Begin typing your search above and press return to search.

ये है मंटो मेरी जान मंटो की रचनाओं का कोलाज़
- अनुवाद एवं संयोजन : अखतर अली शारदा सुनो तो।हां बोलो ?आज कल तुम किसके साथ हो ?कल महेश के साथ थी और आज रमेश के साथ हूं।और कल ?कल तो इतवार है कल मैं...

