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ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...
- ज़ाहिद ख़ान वेवे सरापा ग़ज़ल थीं। उन जैसे ग़ज़लसरा न पहले कोई था और न आगे होगा। ग़ज़ल के बिना बेगम अख़्तर अधूरी हैं और बेगम अख़्तर बग़ैर ग़ज़ल। बेगम अख़्तर ने...

- ज़ाहिद ख़ान वेवे सरापा ग़ज़ल थीं। उन जैसे ग़ज़लसरा न पहले कोई था और न आगे होगा। ग़ज़ल के बिना बेगम अख़्तर अधूरी हैं और बेगम अख़्तर बग़ैर ग़ज़ल। बेगम अख़्तर ने...