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ललित सुरजन की कलम से- पत्थरगड़ी, पेसा और स्वायत्त शासन
'यदि सरकारी तंत्र में विकेन्द्रीकरण के बजाय केन्द्रीकरण पर जोर होगा तो कभी भी सुचारु शासन संभव नहीं हो सकता। हमारे सामने तमाम दुनिया के उदाहरण हैं।...

