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कविताओं के जरिए कवि कहते हैं…अब शब्दों के अर्थ बदलने लगे हैं
नई दिल्ली। 'हम एक खतरनाक समय में रह रहे हैं और समय की इस भयावहता से कविता कैसे अछूती रह सकती है। समय गुर्राता है चीखता है और कविताओं में क्षण ही...

