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प्याज की जमाखोरी पर कसा शिकंजा, सरकार ने 50 फीसदी घटाई स्टॉक सीमा

 प्याज की जमाखोरी पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को फिर एक बड़ा फैसला लेते हुए प्याज के थोक व फुटकर व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा 50 फीसदी घटाकर क्रमश: 25 टन और पांच टन कर दी है

प्याज की जमाखोरी पर कसा शिकंजा, सरकार ने 50 फीसदी घटाई स्टॉक सीमा
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नई दिल्ली। प्याज की जमाखोरी पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को फिर एक बड़ा फैसला लेते हुए प्याज के थोक व फुटकर व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा 50 फीसदी घटाकर क्रमश: 25 टन और पांच टन कर दी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक देश के सभी राज्यों में प्याज के थोक व्यापारी अब अपने स्टॉक में 25 टन से ज्यादा प्याज नहीं रख सकेंगे जबकि खुदरा कारोबारियों के लिए प्याज के स्टॉक की यह सीमा पांच टन रखी गई है। मंत्रालय ने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। हालांकि यह आयातकों पर लागू नहीं होगा।

प्याज के आसमान छूते दाम को थामने के लिए इससे पहले 30 सितंबर को केंद्र सरकार ने थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा तय कर दी थी जिसके अनुसार, थोक व्यापाररियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा 50 टन जबकि खुदरा कारोबारियों के लिए पांच टन थी।

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 80 रुपये प्रति किलो को पार कर गया है, जबकि दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 80-130 रुपये किलो बिक रहा है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में प्याज की महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए कई अहम फैसले लिए गए।

मंत्रालय की ओर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर प्याज की मांग और आपूर्ति की जिलास्तर पर निगरानी करने को कहा गया है।

सूत्रों ने बताया कि जिला स्तर पर प्याज की स्टॉक की रिपोर्ट रोजाना तैयार करने का निर्देश दिया गया है। मतलब जिले में किस व्यापारी के पास प्याज का कितना स्टॉक है, इसकी जानकारी मंत्रालय को दी जाएगी।

केंद्र ने राज्य सरकारों को प्याज की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने प्याज उत्पादक बाजारों से प्याज की खरीद कर गैर-उत्पादक बाजारों पहुंचाने की व्यवस्था करने के लिए नैफेड को एक रोडमैप तैयार करने को कहा है।

गौरतलब है कि इस साल मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में प्याज की फसल खराब हो गई, जिसके चलते देशभर में प्याज की किल्लत हो गई है। देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को काबू करने के लिए केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कई फैसले लिए हैं।

पिछले महीने सरकार ने विदेशों से 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बीते रविवार को बताया कि सरकार 11,000 टन प्याज तुर्की से मंगा रही है जो अगले महीने के पहले सप्ताह तक आएगा। विदेश व्यापार की देश की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने तुर्की और मिस्र से प्याज आयात के लिए अनुबंध किए हैं।

मंत्रालय ने बताया कि एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज मिस्र से मंगाने का अनुबंध किया है जो अगले कुछ दिनों में देश के बाजारों में उतर जाएगा।

आजादपुर मंडी एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार को प्याज का थोक भाव 5-12.50 रुपये से बढ़कर 30-82.50 रुपये प्रति किलो हो गया जबकि आवक 719.5 टन थी। आजादपुर मंडी में एक दिन पहले प्याज की आवक 656.2 टन थी।

कारोबारियों ने बताया कि हालांकि आवक में सोमवार के मुकाबले वृद्धि हुई है, लेकिन खपत के मुकाबले आपूर्ति काफी कम है, इसलिए प्याज के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है।

आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली में रोजाना प्याज की खपत 2,000 टन है।

उन्होंने कहा कि सरकार को स्टॉक सीमा तय करने के बजाय कारोबारियों को यह निर्देश देना चाहिए कि वे अपने स्टॉक रखा प्याज 72 घंटे के भीतर अवश्य बेच दें।


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