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तीन लाख अऋणी किसानों का होगा फसल बीमा

कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अऋणी किसानों से खरीफ मौसम 2017 के लिए लागू प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होने की अपील की है

तीन लाख अऋणी किसानों का होगा फसल बीमा
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रायपुर। कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अऋणी किसानों से खरीफ मौसम 2017 के लिए लागू प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने आज यहां जारी अपील में कहा है कि बीमा योजना के तहत अधिसूचित फसल लेने वाले सभी गैर ऋणी किसान स्वैच्छिक आधार पर अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में शामिल हो सकते हैं।

अग्रवाल ने कहा है कि केन्द्र सरकार के अनुमोदन के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ मौसम 2017 के लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू कर दी है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों के लिए कृषि ऋण लेने वाले किसान स्वाभाविक रूप से इस योजना के दायरे में आ जाते हैं।

प्रदेश सरकार ने इस साल भी अधिक से अधिक गैर ऋणी किसानों को बीमा योजना में शामिल करने के लिए कार्यक्रम बनाया है। इस बार लगभग खेती-किसानी के लिए ऋण नहीं लेने वाले लगभग तीन लाख किसानों को बीमा दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विभाग के हर एक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को एक सौ गैर ऋणी किसानों को बीमा योजना से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। प्रदेश में तीन हजार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कार्यरत हैं।

अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत मुख्य फसल में धान सिंचित और धान असिंचित को अधिसूचित किया गया है। अन्य फसलों में मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग और उड़द को बीमा दायरे में लाया गया है। बीमा योजना के लिए ग्राम पंचायतों को इकाई बनाया गया है।

इस योजना में ऋणी और अऋणी किसानों जिनमें भू-धारक व बटाईदार शामिल हैं भाग ले सकते हैं। ऐसे सभी किसान, जो अधिसूचित फसल उगा रहे हैं और वित्तीय संस्थानों से जिनकी मौसमी कृषि ऋणी की सीमा खरीफ 2017 के लिए एक अप्रैल 2017 से 31 जुलाई 2017 तक स्वीकृत या नवीनीकृत की गयी है, अनिवार्य रूप से शामिल रहेंगे।

एक ही अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग वित्तीय संस्थानों से कृषि ऋणी स्वीकृत होने की स्थिति में किसानों को एक ही वित्तीय संस्थान से बीमा करवाना होगा। अधिसूचित फसल लेने वाले सभी गैर ऋणी किसान, जो इस योजना में शामिल होने इच्छुक हैं, वे स्वैच्छिक आधार पर अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तूत कर योजना में शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि खरीफ 2016 की निविदा की दरों पर ही खरीफ वर्ष 2017 में अधिसूचित क्षेत्रों में फसल बीमा कार्य किया जाएगा। नारायणपुर, कांकेर, कबीरधाम, रायगढ़, दुर्ग, कोण्डागांव, बिलासपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बलरामपुर, कोरिया, बीजापुर, महासमुंद, धमतरी, जशपुर, रायपुर, बस्तर, जांजगीर-चाम्पा, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और सरगुजा जिले के लिए इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी को योजना के लिए बीमा एजेंसी नियुक्त किया गया है। इसी तरह सुकमा, मुंगेली, बालोद, बेमेतरा, सूरजपुर और कोरबा जिले के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कम्पनी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए बीमा एजेंसी बनाया गया है।

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों द्वारा अधिकतम देय प्रीमियम बीमित राशि का दो प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम जो भी कम हो देय होगा। शेष प्रीमियम राशि 50-50 प्रतिशत के मान से केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से अनुदान के रूप में दिया जाएगा।

अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित फसलों की बोआई नहीं होने, बीज निष्फल होने, सही रोपा नहीं लगने, मौसमी प्रतिकूलताओं के कारण अधिसूचित फसलों की बोआई से कटाई की समयावधि में नुकसान होने, स्थानीय आपदाओं, फसल कटाई के उपरांत खेती में सुखाने के लिए रखी गयी फसल को नुकसान होने की स्थिति में बीमा दावा का भुगतान नियमानुसार किया जाएगा।


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