Top
Begin typing your search above and press return to search.

समाज को विभाजित करने वाले खुद को 'राष्ट्रवादी' कहते हैं : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार्वर्ड के प्रोफेसर निकोलस बर्न्‍स के साथ बातचीत करते हुए कहा कि समाज में विभाजन देश को कमजोर करता है

समाज को विभाजित करने वाले खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं : राहुल
X

नई दिल्ली | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार्वर्ड के प्रोफेसर निकोलस बर्न्‍स के साथ बातचीत करते हुए कहा कि समाज में विभाजन देश को कमजोर करता है, लेकिन जो लोग इसे विभाजित करते हैं वे 'देश की ताकत' के रूप में चित्रित होते हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुक्रवार को बर्न्‍स से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मुझे लगता है कि जो विभाजन होता है वह वास्तव में देश को बहुत कमजोर करता है, लेकिन जो लोग विभाजन करते हैं, वे इसे देश की ताकत के रूप में चित्रित होते हैं।"

उन्होंने कहा, "जब आप अफ्रीकी अमेरिकियों, मैक्सिकन और अन्य लोगों को अमेरिका में विभाजित करते हैं, तो आप भारत में हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों को विभाजित करते हैं। आप देश की संरचना को कमजोर कर रहे हैं। लेकिन फिर वही लोग, जिन्होंने देश की संरचना को कमजोर किया है, वही कहते हैं कि वे राष्ट्रवादी हैं।"

इस दौरान राहुल गांधी ने अमेरिका में नस्लवाद के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों की तुलना भारत के माहौल से की और कहा कि दोनों देशों में असहिष्णुता बढ़ रही है।

राहुल ने हालांकि यह भी कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही सहिष्णु देश हैं, जो नए विचार को समझते हैं और किसी भी विचार की इज्जत करते हैं, लेकिन आज दोनों देशों में परेशानी है।

इस पर निकोलस बर्न्‍स ने कहा कि आज अमेरिका के लगभग हर शहर में इस तरह का प्रदर्शन हो रहा है, जो लोकतंत्र के लिए मायने रखता है। अगर हम चीन जैसे देश को देखते हैं, तो हम काफी बेहतर हैं। भारत में भी यही है। वहां भी लोकतंत्र है और लंबे संघर्ष के बाद आजादी मिली है। हमें उम्मीद है कि अमेरिका का लोकतंत्र फिर मजबूत होगा।

राहुल गांधी ने कहा कि जब आप लोगों को जाति या धर्म के आधार पर बांटने लगते हैं, तो आप देश की नींव को कमजोर कर रहे होते हैं। वर्तमान में जो ऐसा करने में लगे हुए हैं, उन्होंने खुद को राष्ट्रवादी घोषित किया हुआ है।

इस पर बर्न्‍स ने कहा, "मुझे भी ऐसा ही लगता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि वह सब कुछ ठीक कर सकते हैं, लेकिन अमेरिका में सेना के लोगों ने साफ कर दिया है कि वे स्वयं के नागरिकों के खिलाफ सड़क पर नहीं उतरेंगे। उनका कहना है कि वह संविधान को सर्वोपरि मानते हुए चलेंगे, न कि राष्ट्रपति के हिसाब से। अमेरिकी नागरिकों को प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन सत्ताधारी लोग लोकतंत्र को चुनौती देने में लगे हुए हैं। चीन और रूस जैसे देशों में अभी भी अधिनायकवाद हो रहा है।"

उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी जैसे आर्थिक क्षेत्र के दिग्गजों के साथ ही महामारी विशेषज्ञ जोहान गीसेकी और भारतीय उद्योगपति राजीव बजाज के साथ बातचीत की है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it