एक बार फिर बेनतीजा रही वार्ता, सरकार ने किसानों से कहा- "अब आप विचार करें"
पिछली वार्ताओं की तरह ही इस बार ही किसान और सरकार के बीच में कषि कानूनों को लेकर कोई बात नहीं बनी

नई दिल्ली। आज शुक्रवार को जहां एक ओर किसानों का आंदोलन 58वें दिन भी जारी है तो वहीं किसान और सरकार के बीच में एक बार फिर से वार्ता हुई। पिछली वार्ताओं की तरह ही इस बार ही किसान और सरकार के बीच में कषि कानूनों को लेकर कोई बात नहीं बनी। सरकार और किसान अपने अपने मांगों को लेकर अड़े हैं। सरकार ने आज एक बार पिर से लचीला पन दिखाते हुए तीनों नए कषि कानूनों पर 1.5 की जगह दो साल तक का प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है तो वहीं किसानों ने साफ कहा है कि उनकी बस एक ही मांग है कि सरकार ये तीनों नए कषि कानूनों को वापस ले।
बैठक में कषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ कर दिया है कि कानून तो सरकार वापस नहीं ले सकती है। उन्होंने कहा 'सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है। कानून में कोई कमी नही है। हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था। आप निर्णय नहीं कर सके। आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते है तो सूचित करें। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे। आगे की कोई तारीख तय नहीं है।' जी हां इस बार कोई अगली तारीख निर्धारित नहीं की गई है। अब सरकार ने किसानों के ऊपर सब छोड़ दिया है अगर वह सरकार के दिए प्रस्तावों को मानते हैं तभी अगली वार्ता की जाएगी।
एक तरह जहां सरकार ने अपना पक्ष साफ कर दिया है तो वहीं किसानों ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह सरकार के आगे नहीं छूकेंगे। किसानों ने साफ कह दिया है कि जब तब सरकार उनकी मांग नहीं मानती तब तक यह आंदोलन ऐसे ही शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया।
इसके साथ ही एक अन्य किसान नेता ने कहा सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।
इस वार्ता को लेकर एक किसान नेता ने अपनी नाराजगी की जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों ने तीन घंटे से ज्यादा समय तक हमसे इंतजार कराया ये किसानों का अपमान हैं।उन्होंने बताया कि कषि मंत्री ने आते ही साफ कह दिया की हम आपके लिए इतना ही कर सकते हैं। अब आप देख लिजिए क्या करना है वरना ये वार्ता का दौर खत्म करते हैं। किसान नेता ने साफ कहा कि हम अपनी जंग जारी रखेंगे और किसान आंदोलन जारी रहेगा।
आपको बता दें कि 26 जनवरी को किसानों ने राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने का ऐलान किया है।


