स्वतंत्रता संग्राम की भारत की गुमनाम महिला नायिकाओं को सरकार ने कुछ इस अंदाज में किया याद
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आजादी के महोत्सव के हिस्से के रूप में स्वतंत्रता संग्राम की भारत की गुमनाम नायिकाओं पर एक सचित्र पुस्तक का विमोचन किया

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आजादी के महोत्सव के हिस्से के रूप में स्वतंत्रता संग्राम की भारत की गुमनाम नायिकाओं पर एक सचित्र पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को अमर चित्र कथा के साथ मिलकर जारी किया गया है। संस्कृति मंत्रालय ने अमर चित्र कथा के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम के 75 गुमनाम नायकों पर सचित्र पुस्तकों का विमोचन करने का फैसला लिया है। इसका दूसरा संस्करण 25 गुमनाम जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों और तीसरा और अंतिम संस्करण अन्य क्षेत्रों के 30 गुमनाम नायकों पर होगा। पुस्तक के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह पुस्तक उन कुछ महिलाओं के साहसपूर्ण जीवन के बारे में बताती है, जिन्होंने इस अभियान का नेतृत्व किया तथा पूरे देश में विरोध एवं विद्रोह की मशाल जलाई। उन्होंने कहा कि इसमें उन रानियों की कहानियां हैं, जिन्होंने साम्राज्यवादी शासन के खिलाफ संघर्ष में साम्राज्यवादी शक्तियों से संघर्ष किया और जिन महिलाओं ने मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया और यहां तक कि बलिदान भी दिया। पुस्तक में शामिल कुछ गुमनाम नायिकाओं की वीरता की गाथा सुनाते हुए लेखी ने कहा कि महिलाएं साम्राज्यवादी शक्तियों के खिलाफ असंतोष व्यक्त करने में समान रूप से मुखर थीं।
उन्होने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने साम्राज्यवादी शासन के विरोध में जीवन के हर क्षेत्र से लाखों लोगों को एकजुट किया, लेकिन हम सभी स्वतंत्रता संग्राम के कुछ ही महान, प्रतिष्ठित नेताओं को जानते हैं। इसे देखते हुए, भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में, सरकार ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के भूले-बिसरे नायकों को याद करने और उनका स्मरण करने का फैसला किया है, जिनमें से कइयों के प्रसिद्ध होने के बावजूद नई पीढ़ी उन्हें नहीं जानती हैं।
पुस्तक में कर्नाटक के उल्लाल की रानी (रानी अब्बक्का), शिवगंगा की रानी वेलु नचियार, झलकारी बाई, मातंगिनी हाजरा, गुलाब कौर, चकली इलम्मा, सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू, उत्तराखंड की बिश्नी देवी शाह, सुभद्रा कुमारी चौहान, दुर्गावती देवी, स्वतंत्र भारत की महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी, केरल के त्रावणकोर की अक्कम्मा चेरियन, अरुणा आसफ अली, दुगार्बाई देशमुख, नागा आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता रानी गाइदिन्ल्यू, उषा मेहता और ओडिशा की पार्वती गिरी, तारकेश्वरी सिन्हा, स्नेहलता वर्मा और तिलेश्वरी बरुआ सहित कई महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया गया है।


