बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज स्वीकार किया कि राज्य में चिकित्सकों की कमी है लेकिन सरकार इसे दूर करने के लिए लगातार प्रयत्नशील भी है

पटना। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज स्वीकार किया कि राज्य में चिकित्सकों की कमी है लेकिन सरकार इसे दूर करने के लिए लगातार प्रयत्नशील भी है ।
पांडेय ने विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अख्तरूल इस्लाम शाहीन के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि पूरे देश में आबादी के अनुपात में चिकित्सकों की भारी कमी है ।
पूरे देश में वर्ष 2017 तक दस लाख पंजीकृत चिकित्सक हैं वहीं बिहार में यह संख्या वर्ष 2016 तक 4043 है । उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में बिहार की अनुमानित जनसंख्या 11 करोड़ 65 लाख 83 हजार 615 मानी जाये तब ऐसी स्थिति में शत प्रतिशत पंजीकृत चिकित्सकों के कार्यरत रहने पर भी प्रति 2911 की आबादी पर एक चिकित्सक उपलब्ध हैं जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार एक हजार की आबादी पर एक चिकित्सक होना चाहिए ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकारी चिकित्सकों की संख्या मेडिकल कॉलेज सहित छह हजार 830 है । इस प्रकार वर्ष 2018 की अनुमानित जनसंख्या 12 करोड़ सात लाख 86 हजार 594 के विरूद्ध चिकित्सक जनसंख्या अनुपात 17 हजार 685 है ।
न्होंने कहा कि सरकार चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बिहार लोक सेवा आयोग से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर वर्ष 2016 में 1805 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी और 665 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति तथा पदस्थापन विभाग स्तर से किया गया है ।


