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सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटी : रूपाणी

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटी है और न ही कभी हटेगी

सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटी : रूपाणी
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गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे नहीं हटी है और न ही कभी हटेगी।

श्री रूपाणी ने आज यहां कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, शाला (स्कूल) प्रवेशोत्सव 2.0 गुणोत्सव 2.0 प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और स्कूल में डिजिटल हाजिरी जैसी योजनाओं का डिजिटली उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य में साफ नीयत और स्पष्ट नीति से सार्वभौमिक शिक्षा का दायरा बढ़ाकर भावी पीढ़ी को दुनिया के साथ कदमताल करने योग्य सक्षम बनाने की गुजरात ने पहल की है।

गरीब, अमीर और अंतिम पंक्ति के बच्चों को समुचित शिक्षा प्रदान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, ऐसे में स्कूली शिक्षा में तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल कर डिजिटल गुजरात के निर्माण में राज्य सरकार ने नई पहल की है। उन्होंने कहा कि राज्य में 32 हजार सरकारी एवं 10 हजार स्ववित्त पोषित स्कूलों सहित ढाई लाख से अधिक शिक्षकों एवं 70 लाख से अधिक बच्चों की जवाबदारी सरकार और समाज पर है, तब शिक्षा का सुपरविजन करना जरूरी बन जाता है इसलिए ही कमांड एंड कंट्रोल सेंटर जैसी नई व्यवस्थाएं स्थापित की गई हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कभी भागी नहीं है और न ही भागेगी परन्तु जिम्मेदारी की चिंता करते हुए हमने समयबद्ध आयोजन किया है जिसके चलते समाज की कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति के जीवन में सुधार आया है और उसे लाभ मिलने लगे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर निचले स्तर तक यदि हर कोई अपनी जिम्मेदारी पारदर्शिता से भलीभांति निभाए तो निश्चित रूप से बेहतर परिणाम मिलता है। इस मौके पर उन्होंने ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) और क्लस्टर संसाधन केंद्र (सीआरसी) समन्वयकों को टैबलेट का वितरण करने के साथ ही शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया।

राज्य के प्राथमिक शिक्षकों सहित शिक्षा जगत का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि स्ववित्त पोषित संस्थाओं के साथ स्पर्धा नहीं बल्कि उनसे भी उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्थाएं सरकारी स्कूलों में स्थापित कर अपनी रेखा लंबी करें। भरोसे के ऐसे वातावरण का निर्माण करें कि सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा प्रेरित हों। शिक्षित समाज के जरिये भावी पीढ़ी को समृद्ध बनाकर समृद्ध गुजरात और राष्ट्र के निर्माण के लिए हमें संकल्प लेना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की शिक्षा को और भी समृद्ध बनाने के लिए डिजिटल माध्यम द्वारा शुरू किए गए इन नवीन आयामों के जरिए गुजरात देश का रोल मॉडल बनेगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा के जरिये ईश्वर ने सच्ची सेवा का अवसर आप सभी को दिया है। ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली शिक्षक, शिक्षाकर्मियों और छात्रों की नियमितता सुनिश्चित कर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगी। स्कूल मॉनीटरिंग सिस्टम वाले टैबलेट से बीआरसी और सीआरसी का काम पेपरलेस और त्वरित होगा। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता ही सर्वोपरि है और जहां शक्तिशाली नेतृत्व तथा अत्याधुनिक तकनीक युक्त व्यवस्था के साथ नीयत भी साफ हो, वहीं लोग उम्मीद भी रखते हैं। ऐसे में, नागरिकों की अपेक्षाओं को पूर्ण करना हमारी विशेष जिम्मेदारी बनती है।

उन्होंने कहा कि भूतकाल की व्यथाओं को दूर कर हमारी सरकार ने नई व्यवस्थाएं स्थापित की हैं। छात्रों को मुफ्त शिक्षा, पाठ्यपुस्तकें, गणवेश सहित मुफ्त साइकिल की सुविधाएं और गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने से आगामी दो-तीन वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात तेज गति से आगे बढ़ेगा।
उन्होंने शिक्षा विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए राज्य सरकार के शिक्षा महायज्ञ में शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के जरिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का सभी शिक्षकों से अनुरोध किया।


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