सरसों की सरकारी खरीद शुरू न होने से किसान मायूस
किसानों ने कड़ी मेहनत कर सरसों की फसल को अनाज मंडी तक पहुंचा दिया है, लेकिन सरकार द्वारा 15 मार्च से शुरु होने वाली सरकारी खरीद शुरु नहीं हो सकी है, जिसके कारण किसानों को परेशानियां का सामना करना पड़ रह

होडल। किसानों ने कड़ी मेहनत कर सरसों की फसल को अनाज मंडी तक पहुंचा दिया है, लेकिन सरकार द्वारा 15 मार्च से शुरु होने वाली सरकारी खरीद शुरु नहीं हो सकी है, जिसके कारण किसानों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी रिकार्ड के अनुसार पिछले साल की अपेक्षा अबकि बार अनाज मंडी में फरवरी से 14 मार्च तक 4221 कुंतल सरसों पहुंच चुकी है जबकि पिछले साल 14 मार्च तक केवल 1429 कुंतल सरसों ही पहुंची थी। हालांकि सरकारी आंकडों से कही अधिक सरसों की फसल अनाज मंडी में पहले ही पहुंच चुकी है।
सरकारी खरीद एजेसियों द्वारा सरसों की खरीद शुरु नहीं किए जाने के कारण किसान फसल को औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। पिछले एक महीने से अनाज मंडी में सरसों की फसल लगातार पहुंच रही है।
सरकार द्वारा सरसों की फसल का समर्थन मूल्य चार हजार रुपए प्रति कुंतल घोषित किया है लेकिन मंडी में किसी भी सरकारी खरीद एजेंसी के दूर तक भी अता पता नहीं है जिसके कारण किसानों में मायूसी छाई हुई है। किसान सरसों की फसल को 35 सौ से 36 सौ रुपए प्रति कुंतल बेचने को मजबूर हैं।
बताया जाता है कि पिछली बार भी मंडी में सरकारी खरीद नहीं हो सकी थी। अबकि बार सरसों की बम्पर फसल होने और सरकार द्वारा खरीद नहीं किए जाने के कारण किसान मायूस हैं।
क्या कहते हैं किसान
मंडी में सरसों की फसल लगातार आ रही है लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को मायूस हेाना पड़ रहा है। सरकार सरसों की फसल को तुरंत प्रभाव से खरीद शुरु कराए।
मुकेश कुमार
मंडी में सरकारी खरीद होने को लेकर सरसों की फसल को लेकर पहुंचे थे लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने के कारण उन्हें परेशानी उठानी पड रही है।
गजराज
सरसों की सरकारी खरीद के लिए प्रशासन को पूरी व्यवस्था करनी चाहिए थी। खरीद शुरु नहीं होने के कारण अब किसान परेशान हैं।
अमरङ्क्षसह
मंडी में फरवरी माह से 14 मार्च तक 4221 कुंतल सरसों की फसल पहुंची है। जिससे विभाग द्वारा 12166 रुपए मार्केट फीस वसूल की जा चुकी है। जबकि पिछली बार 14 मार्च तक केवल 1429 कुंतल सरसों की फसल मंडी पहुंची थी। अभी किसी भी एजेंसी द्वारा सरसों की खरीद शुरु नहीं की है।
शेलेंद्र बंसल, सचिव, मार्केट कमेटी


