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जबर्दस्त बीफ उत्पादन के बीच अमेजन के जंगलों को बचाने की चुनौती

ब्राजील के पशुपालक किसान, पहले के मुकाबले ज्यादा बीफ निर्यात करने लगे हैं. लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए जो अच्छा है, प्रकृति के लिए वो बुरा है.

जबर्दस्त बीफ उत्पादन के बीच अमेजन के जंगलों को बचाने की चुनौती
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बीफ उत्पादन को मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन के सबसे बड़े कारणों में से एक माना जाता है. ब्राजील, दुनिया के सबसे बड़े बीफ निर्यातक देशों में एक है. हाल के वर्षों में उसने बड़े पैमाने पर मांस का निर्यात किया है. दुनिया भर में बीफ की मांग बढ़ रही है. सरकार की नीति भी मांस के निर्यात को प्रोत्साहित करने की है इसीलिए पर्यावरणीय नुकसान की अनदेखी भी की जाती रही है.

पूर्व राष्ट्रपति खाएर बोल्सोनारो की दक्षिणपंथी सरकार के कार्यकाल में, 2019 और 2022 के बीच नयी चरागाहें बनाने के लिए बड़े पैमाने पर अमेजन वर्षावनों को काटा गया था. इस सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय विरोध को भी दरकिनार कर दिया गया. अमेजन की बरबादी न रोकने की तत्कालीन सरकार की जिद की वजह से कुछ प्रमुख वैश्विक खुदरा विक्रेताओं ने ब्राजीली गोश्त का बहिष्कार भी कर दिया था.

बोलसोनारो ने वर्षावनों को बताया "केवल ब्राजील का मामला"

उदाहरण के लिए कोई दो साल पहले, प्रेस रिलीज जारी कर जर्मनी के आल्डी समूह ने कहा था कि, "वैश्विक सप्लाई चेन वाले अंतरराष्ट्रीय रिटेलर के रूप में हम खतरे की जद में आ चुके वन क्षेत्रों के विनाश का विरोध करने की जिम्मेदारी में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं."

हालांकि बोल्सोनारो विरोधी मुहिम, हाल के सालों में ब्राजीली गोश्त का दुनिया में सिक्का जमाने से नहीं रोक पाई. देश की वेलर बिजनेस पत्रिका ने अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के आंकड़ों का हवाला देते हुए अनुमान लगाया कि ब्राजीली बीफ का निर्यात 2023 में 30 लाख टन से भी ऊपर जा सकता है." पत्रिका के मुताबिक ये मात्रा आकार में 2022 से करीब 4 फीसदी ज्यादा है और करीब 25 फीसदी वैश्विक बीफ निर्यात का प्रतिनिधित्व करती है.

पुरानी नीति और नये 'प्रगतिशील'

ब्राजील में वामपंथी राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा की नयी सरकार, बोल्सोनारो की कामयाब बीफ निर्यात रणनीति को फिलहाल बदलने को ज्यादा उत्सुक नहीं है.

जंगल में 25 साल से अकेले रहने वाले आदमी की मौत

मेक्सिको के साथ हाल में निर्यात वार्ताओं के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, ब्राजीली कृषि मंत्री कार्लोस फवारो ने स्थानीय मीडिया को बताया कि "ब्राजील अपने पशुपालन उद्योग का सामर्थ्य और आकार दिखा रहा है, वैश्विक बाजार में उसका विस्तार इस सेक्टर में वृद्धि बहाल करने का एक बड़ा अवसर होगा."

इस साल, ब्राजीली गोश्त का स्वागत चीन और अरब दुनिया में भी किया जा रहा है जिन्होंने कुछ ब्राजीली पशुओं में मैडकाऊ बीमारी के मामले पाए जाने के बाद बीफ का आयात रोक दिया था. स्वयंभू प्रगतिशील लुला सरकार में भी लगता नहीं कि बीफ के मामले में ज्यादा कुछ बदला है, ये वही सरकार है जिसने मुनाफों से ज्यादा जनता और प्रकृति पर ध्यान देने की कसमें खाई हैं.

अमेजन में जंगलों का सफाया जारी

ब्राजीली बीफ उद्योग के विस्तार ने दुनिया के दूसरे हिस्सों में संरक्षणवादियों और पर्यावरणवादियों के बीच खतरे की घंटी बजा दी है.

ग्रीनपीस ब्राजील में वर्षावन विशेषज्ञ क्रिस्टियानी माहेती कहती हैं, "मौजूदा हालात चिंताजनक हैं और सरकर के जीरो डिफोरेस्टेशन लक्ष्यों और संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में हुए जलवायु और जैवविविधता समझौतों के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं से मेल नहीं खाते हैं."

अमेजन की तबाही के बारे में आप क्या जानते हैं

उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "पशुओं के चरने की जमीन में लगातार विस्तार हो रहा है और अमेजन में निर्वनीकरण का सबसे प्रमुख कारण यही है."

माहेती ने ये भी पाया कि मांस कारोबारी और खुदरा कंपनियां, जंगलों के सफाये से जुड़े उत्पादों पर रोक लगाने के अपने संकल्प को भी तोड़ रहे हैं और पूरी प्रक्रिया के शिनाख्तीकरण और उसकी पारदर्शिता के लक्ष्यों को भी लगातार स्थगित करते जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, "व्यवहार में, अप्रत्यक्ष सप्लाई चेनों की, खासतौर पर, निगरानी की व्यवस्था खराब है, उनमें अक्सर जंगलों को काटने और मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतें मिलती हैं." उन्होने ये भी कहा कि यूरोपीय संघ और दक्षिण अमेरिका की मेरकोसुर व्यापार समूह के बीच मुक्त व्यापार का प्रस्तावित समझौता, कुदरत पर और दबाव ही डालेगा.

कार्ययोजना को चाहिए रिएलिटी चेक

बोल्सोनारो सरकार के विपरीत, राष्ट्रपति लुला ने अमेजन के जंगलों के कटान को रोकने के लिए कम से कम तथाकथित कार्ययोजना तो ड्राफ्ट कर ली है. इस योजना के तहत कृषि उत्पादों के उद्गम या मूल स्थान की निगरानी के लिए एक ट्रेसएबिलिटी सिस्टम बनाया जाना है.

माहेती को लगता है कि पशुपालन विस्तार से वर्षावनों की हिफाजत के लिए ये योजना "एक बड़ा कदम" हो सकती है लेकिन ऐसा तभी हो पाएगा "जब इसका एक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और बाध्यकारी ढांचा बनाया जाए."

फोल्हा अखबार में प्रकाशित एक अध्ययन में, ब्राजील में कृषि पर निर्णायक असर के बारे में बताया गया है. इसमें दिखाया गया है कि इस साल चीन को देश का आधा सोया निर्यात, उस फसल से मिला था जो अमेजन के जंगलों को साफ करके बनाए खेतों पर उगाई गई थी.

गेटुलिया वर्गास फाउंडेशन (एफजीवी एग्रो) के सेंटर फॉर एग्रीबिजनेस स्टडीज के आकलन के मुताबिक ब्राजील का एग्रीबिजनेस प्रोडक्शन इंडेक्स (पिमएग्रो) जनवरी में 1.3 फीसदी बढ़ गया था- पांच साल में जनवरी का ये सबसे बढ़िया नतीजा था. लेकिन दूसरी ओर अमेजन में निर्वनीकरण यानी जंगलों की कटान उल्लेखनीय रूप से बढ़ गई थी. पिछले दिनों ऑनलाइन न्यूज पॉर्टल जी1 में आए एक डाटा के मुताबिक, एक साल पहले इसी महीने से तुलना करें, जब बोल्सोनारो सत्ता में थे तब डिफॉरेस्टेशन की दर 14 फीसदी हो गई थी.


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