इजाजत नहीं मिलने के बावजूद कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे तेजस्वी यादव
नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में पटना गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन की प्रशासन से इजाजत नहीं मि

पटना । नए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में पटना गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन की प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विपक्ष के नेताओं के साथ धरना दिया।
धनदाता और अन्नदाता की इस लड़ाई में हम अन्नदाता के साथ खड़े है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020
क्या किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाना, उनकी आय दुगुनी करने के लिए नए क़ानूनों में अनिवार्य रूप से MSP की माँग करना, खेत-खलिहान को बचाने की लड़ाई करना अपराध है? अगर है तो हम यह अपराध बार-बार करेंगे? pic.twitter.com/yA6YaUtvOI
धरना की पहले से अनुमति नहीं लिए जाने के कारण प्रशासन ने जब इजाजत नहीं दी तब तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर चुनौती देते हुए कहा, “गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं। उनके स्वागत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति को कैद कर लिया ताकि गांधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गांधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके। नीतीश जी, वहां पहुंच रहा हूं। रोक सको तो रोक लीजिए।”
गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020
नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिए
इसके बाद तेजस्वी यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के साथ गांधी मैदान पहुंच गए और गांधी मैदान के गेट नंबर चार के बाहर धरना पर बैठ गए तथा नारेबाजी करने लगे। आखिरकार प्रशासन ने गांधी मैदान का छोटा गेट खोल दिया। इसके बाद तेजस्वी यादव अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ गांधी मूर्ति के पास पहुंचे और किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए अपना संकल्प पत्र पढ़ा।


