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तमिलनाडु : नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर पूरी रात किया धरना प्रदर्शन, डीएमके सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप

तमिलनाडु में कोयंबटूर के सरकारी अस्पताल परिसर में अनुबंध पर कार्यरत नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार पूरी रात लगातार धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन चेन्नई में कल हुए नर्सों के आंदोलन के दौरान की गई गिरफ्तारियों के विरोध में किया गया

तमिलनाडु : नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर  पूरी रात किया धरना प्रदर्शन, डीएमके सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप
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चेन्नई में नर्सों की गिरफ्तारी के खिलाफ कोयंबटूर में प्रदर्शन, डीएमके सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

कोयंबटूर। तमिलनाडु में कोयंबटूर के सरकारी अस्पताल परिसर में अनुबंध पर कार्यरत नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार पूरी रात लगातार धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन चेन्नई में कल हुए नर्सों के आंदोलन के दौरान की गई गिरफ्तारियों के विरोध में किया गया।

इससे पहले कोयंबटूर के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अनुबंध नर्सों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। नर्सों ने डीएमके सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं किया गया है।

प्रदर्शन कर रही नर्सों ने अपनी प्रमुख मांगों को स्पष्ट रूप से रखा। उन्होंने कहा कि डीएमके सरकार को अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार सभी अनुबंध नर्सों को नियमित करना चाहिए। इसके साथ ही नर्स सुपरवाइजर ग्रेड-3 के पदों को फिर से बहाल करने और एमआरबी के तहत कार्यरत अनुबंध नर्सों को सवेतन मातृत्व अवकाश देने की भी मांग की गई।

नर्सों का कहना है कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले यह भरोसा दिलाया था कि सभी नर्सों को नियमित किया जाएगा, लेकिन सरकार बने काफी समय बीत जाने के बाद भी उनकी मांगें अधूरी हैं। इससे नर्सों में गहरी नाराजगी है।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 10 अक्टूबर 2023 को डीएमएस घेराव आंदोलन के बाद संबंधित मंत्री ने विधानसभा में यह आश्वासन दिया था कि नए पद सृजित किए जाएंगे। अनुबंध नर्सों को नियमित किया जाएगा और मातृत्व अवकाश समेत अन्य मांगों को स्वीकार किया जाएगा, लेकिन अब तक इन वादों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

नर्सों ने चेन्नई में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही नर्सों की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे अन्यायपूर्ण बताया। उनका कहना है कि वे केवल अपने अधिकारों और न्यायसंगत मांगों के लिए आवाज उठा रही हैं।


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