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सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन मामले में शिविंदर सिंह की जमानत पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड में धन की कथित हेराफेरी से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के एक मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को दी गई जमानत पर रोक लगा दी ह

सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन मामले में शिविंदर सिंह की जमानत पर रोक लगाई
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड में धन की कथित हेराफेरी से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के एक मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को दी गई जमानत पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा, "अगले आदेश तक जेल से रिहाई के संबंध में यथास्थिति बनाकर रखी जाए और फैसले को किसी अन्य मामले के लिए मिसाल की तरह नहीं लिया जाए। अगर कोई जवाब देना है तो इस बीच दाखिल किया जाए।"

पीठ ने मामले को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

शीर्ष अदालत का आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आया, जिसने सिंह को जमानत दी है।

ईडी का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अधिवक्ता कानू अग्रवाल ने किया। मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि हाईकोर्ट ने एजेंसी द्वारा उठाए गए आधार पर विचार नहीं किया।

हाईकोर्ट ने 23 जुलाई को रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड में कथित धोखाधड़ी से संबंधित एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिविंदर सिंह को जमानत दे दी थी।

ईडी ने जनवरी में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह, उनके भाई मालविंदर मोहन सिंह और पूर्व रेलीगेयर सीएमडी सुनील गोधवानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन के कथित दुरुपयोग के संबंध एक आरोप पत्र दायर किया था।

ईडी का कहना है कि इस मामले में लगभग 2,036 करोड़ रुपये की राशि में से लगभग 450 करोड़ रुपये के संबंध में जांच पूरी हो गई है, जबकि शेष राशि की जांच अभी भी जारी है।


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