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जनगणना पर रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार सरकार को झटका, सीएम सर्वदलीय बैठक बुलाएं : सुशील मोदी

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में दखल देने से गुरुवार को इनकार कर दिया

जनगणना पर रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार सरकार को झटका, सीएम सर्वदलीय बैठक बुलाएं : सुशील मोदी
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पटना। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में दखल देने से गुरुवार को इनकार कर दिया। इस बीच, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जातीय जनगणना पर रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार को राज्य सरकार को ताजा झटका बताया है।

उन्होंने कहा कि यदि हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को सुनवाई नहीं की, तो सुप्रीम कोर्ट 13 जुलाई को इस पर सुनवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलायी जानी चाहिए।

मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी कर सरकार ने इसे पहले ही उलझा दिया, जिससे इस सर्वे पर अंतरिम रोक लगी।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय एनडीए सरकार ने पिछले साल जून में किया था। उन्होंने पूछा कि इस पर मकानों की गिनती के साथ काम शुरू करने में सात महीने की देर क्यों हुई?

मोदी ने कहा कि सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाकर सबको विश्वास में लेना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या प्रश्नावली बनी है, क्या तैयारी है।

उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर जातीय जनगणना के लिए कानून बनाना चाहिए।

मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना का अकेले श्रेय लेने की मंशा से मुख्यमंत्री ने विपक्ष से संवाद स्थापित नहीं किया और न सर्वदलीय बैठक बुलायी।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था और इसके लिए विधान मंडल में दो बार प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक, हर स्तर पर पार्टी समर्थन में खड़ी रही।

मोदी ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के मामले में भी न्यायालय में सरकार की किरकिरी हुई थी और चुनाव टालने पड़े थे।


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